नए साल का जश्न मनाना तो बनता है, लेकिन अगर पार्टी में थोड़ी ज्यादा मस्ती हो गई और आप शराब पीकर गाड़ी चलाने की सोच रहे हैं, तो रुक जाना ही बेहतर है. भारत में ड्रिंक एंड ड्राइविंग को लेकर कानून बेहद सख्त हैं. मोटर व्हीकल एक्ट 2019 के सेक्शन 185 के तहत इसे अपराध माना गया है. सजा सिर्फ जुर्माने तक सीमित नहीं रहती, बल्कि जेल और लाइसेंस सस्पेंशन तक जा सकती है. खासकर 31 दिसंबर की रात देशभर में ट्रैफिक पुलिस की स्पेशल चेकिंग चलती है.
क्या है कानूनी लिमिट और टेस्टिंग प्रक्रिया?
भारत में ड्राइवर के ब्लड में अल्कोहल की अधिकतम सीमा 100 मिलीलीटर खून में 30 मिलीग्राम तय की गई है. अगर इससे ज्यादा मात्रा पाई जाती है, तो ड्राइवर कानून के दायरे में आ जाता है. पुलिस ब्रेथ एनालाइजर के जरिए टेस्ट करती है, जिसमें मशीन में सांस फूंकनी होती है. ड्रग्स के असर की भी जांच की जाती है. देश के तमाम शहरों में न्यू ईयर ईव पर स्पेशल नाके लगाए जाते हैं, जहां बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं.
कितनी हो सकती है सजा और जुर्माना?
- पहली बार ड्रिंक एंड ड्राइव करते पकड़े जाने पर 10,000 रुपये तक का जुर्माना और 6 महीने तक की जेल हो सकती है. इसके साथ ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किया जा सकता है.
- अगर कोई दोबारा या बार-बार शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है, तो 15,000 रुपये तक का जुर्माना और 2 साल तक की जेल का प्रावधान है.
- ऐसे मामलों में लाइसेंस लंबे समय के लिए कैंसिल या सस्पेंड हो सकता है. गाड़ी जब्त की जा सकती है और केस कोर्ट में चलता है.
ये पेनल्टी पूरे देश में लागू होती हैं. हालांकि कुछ राज्यों में लोकल एनफोर्समेंट ज्यादा सख्त रहता है.
सुरक्षित रहने के लिए पुलिस की सलाह
देश के बड़े शहरों में ट्रैफिक पुलिस लगातार एडवाइजरी जारी कर रही है. संदेश साफ है. पार्टी करें, लेकिन शराब पीकर गाड़ी न चलाएं. कैब बुक करें या किसी सोबर ड्राइवर से ड्राइव करवाएं. एक गलत फैसला कई जिंदगियों को खतरे में डाल सकता है. कुल मिलाकर न्यू ईयर सुरक्षा का ध्यान रखना सबसे जरूरी है. तो नए साल का जश्न मनाएं, लेकिन सुरक्षित तरीके से मनाएं.














