New TDS Rules 2025: केंद्रीय बजट-2025 में वित्त मंत्री ने टैक्स से जुड़े कई बदलावों की घोषणा की थी. इस दौरान TDS (Tax Deducted at Source) के नियमों में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जो 1 अप्रैल 2025 से लागू होने वाले हैं. इन बदलावों का मकसद टैक्सपेयर्स, निवेशकों, सीनियर सिटीजन और कमीशन कमाने वालों को आर्थिक राहत पहुंचाना है. चलिए जानते हैं कि इन बदलावों का अलग-अलग कैटेगरी में क्या फायदा होगा.
म्यूचुअल फंड और स्टॉक के लिए TDS लिमिट बढ़ी
बढ़ी हुई TDS छूट के चलते निवेशकों को डिविडेंड इनकम और म्यूचुअल फंड (MF) से हुई कमाई पर ज्यादा छूट मिलेगी. केंद्रीय बजट 2025-26 में, सरकार ने 1 अप्रैल से शेयरों पर मिलने वाले डिविडेंड और म्यूचुअल फंड यूनिट से होने वाली इनकम पर TDS एग्जम्प्शन लिमिट (TDS limit increased for mutual funds and stocks) को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया है.
डिविडेंड इनकम पर TDS लिमिट
इस साल पेश किए गए केंद्रीय बजट में डिविडेंड इनकम पर TDS लिमिट (TDS limit on dividend income) में बदलाव किया गया है, इस छूट को 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये कर दिया गया है. यानी अब निवेशक अपनी कमाई का ज्यादा हिस्सा बचा पाएंगे.
सीनियर सिटीजन के लिए ज्यादा TDS छूट
सीनियर सिटीजन को आर्थिक राहत पहुंचाने के लिए सरकार ने इंटरेस्ट इनकम पर TDS एग्जम्प्शन लिमिट (Higher TDS exemption for senior citizens) को दोगुना कर दिया है. 1 अप्रैल, 2025 से, बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) और रेकरिंग डिपॉजिट (RD) से होने वाली इंटरेस्ट इनकम पर TDS तभी काटेंगे, जब किसी फाइनेंशियल ईयर में कुल इंटरेस्ट इनकम 1 लाख रुपये से ज्यादा होगी. इसका मतलब यह है कि अगर किसी सीनियर सिटीजन की सालाना इंटरेस्ट इनकम इस लिमिट के अंदर रहती है, तो कोई TDS नहीं काटा जाएगा.
आम नागरिकों के लिए TDS लिमिट बढ़ाई गई
60 साल से कम उम्र के लोगों के लिए, इंटरेस्ट इनकम पर TDS लिमिट (TDS limit increased for General Citizens) 40,000 रुपये से बढ़ाकर अब 50,000 रुपये कर दी गई है. यह कदम उन लोगों के लिए खासतौर पर काफी फायदेमंद होगा जो FD के ब्याज से होने वाली कमाई पर निर्भर हैं. अब, बैंक सिर्फ तभी TDS काटेंगे जब एक फाइनेंशियल ईयर में कुल इंटरेस्ट इनकम 50,000 रुपये से ज्यादा होगी.
लॉटरी पर TDS
सरकार ने लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल और घुड़सवारी से होने वाली इनकम की भी TDS लिमिट (TDS on lottery) बढ़ा दी है. पहले, एक फाइनेंशियल ईयर में 10,000 रुपये से ज्यादा जीतने पर TDS काटा जाता था, भले ही यह अमाउंट कई छोटी राशियों में मिला हो. नए नियमों के मुताबिक अब TDS केवल तभी काटा जाएगा जब सिंगल ट्रांजैक्शन 10,000 रुपये से ज्यादा होगा.
उदाहरण के तौर पर मौजूदा समय में अगर कोई व्यक्ति एक साल में तीन बार 5,000 रुपये (कुल 15,000 रुपये) जीतता है, तो TDS लागू होता. नए नियम लागू होने के बाद जब तक सिंगल ट्रांजैक्शन 10,000 रुपये से कम रहेगा है, तब तक कोई टैक्स नहीं काटा जाएगा.
इंश्योरेंस एजेंटों और ब्रोकर्स के लिए राहत
नए नियमों ने इंश्योरेंस एजेंटों और ब्रोकर्स को राहत (Relief for insurance agents and brokers) देते हुए कमीशन के लिए TDS की लिमिट बढ़ा दी है. इंश्योरेंस कमीशन के लिए TDS लिमिट को बढ़ाकर 20,000 रुपए कर दिया गया है. पहले यह लिमिट 15,000 रुपए थी.