पिछले कुछ समय से नए लेबर कोड को लेकर कर्मचारियों में एक ही डर था किक्या मेरी टेक होम सैलरी कम हो जाएगी? सोशल मीडिया पर भी यही चर्चा चल रही थी कि बेसिक सैलरी बढ़ने से PF भी उसी हिसाब से बढ़कर कटेगा और आखिर में टेक होम सैलरी कम हो जाएगी. यानी सैलरी स्ट्रक्चर बदलने से हाथ में आने वाली रकम कम हो जाएगी.
लेकिन अब श्रम मंत्रालय ने खुद साफ कर दिया है कि ऐसा कुछ नहीं होगा, जब तक PF की कैलकुलेशन 15000 रुपये वाले लिमिट पर होती रहेगी, आपकी टेक होम सैलरी पर कोई असर नहीं आएगा.
कर्मचारियों के बीच इतना कन्फ्यूजन क्यों?
नए लेबर कोड में यह नियम आया कि किसी भी कर्मचारी की सैलरी में बेसिक, DA और रिटेनिंग अलाउंस मिलाकर कुल सैलरी का कम से कम आधा (50%) होना चाहिए. पहले कई कंपनियां बेसिक हिस्सा बहुत कम रखती थीं और सारा पैसा अलाउंस में डाल देती थीं ताकि PF जैसी देनदारियां कम हो जाएं.
अब अगर किसी कर्मचारी के अलाउंस उसकी कुल सैलरी के 50% से ज्यादा होंगे, तो उतना हिस्सा वापस बेसिक वाले हिस्से में जोड़ना पड़ेगा.इसी वजह से कर्मचारियों को लगा कि जैसे ही बेसिक बढ़ेगा, PF भी बढ़कर कटेगा और टेक होम सैलरी कम हो जाएगी.
श्रम मंत्रालय ने किया साफ, टेक सैलरी में कमी नहीं होगी
सरकार ने साफ शब्दों में कहा है कि नए लेबर कोड का टेक होम सैलरी पर कोई असर नहीं पड़ेगा.क्योंकि अभी भी PF की गणना 15000 रुपये की तय सीमा (statutory limit) पर ही होती है.इसका मतलब यह है कि चाहे आपकी बेसिक सैलरी 20000 हो या 30000, जरूरी PF कटौती सिर्फ 15000 रुपये पर ही होगी.यह लिमिट EPF का पुराना नियम है और इसे मानना कंपनी और कर्मचारी दोनों के लिए जरूरी है.इससे ज्यादा PF तभी कटेगा जब कर्मचारी खुद और कंपनी दोनों मिलकर इसके लिए तैयार हों.
श्रम मंत्रालय ने 60000 रुपये सैलरी वाला एक उदाहरण देकर बताया जिससे यह समझना और आसान हो गया है...
मान लीजिए किसी कर्मचारी की सैलरी 60000 रुपये है.
बेसिक + DA = 20000
अलाउंस = 40000
नए लेबर कोड के हिसाब से अलाउंस कुल सैलरी के 50 प्रतिशत से ज्यादा नहीं हो सकते. यहां अलाउंस बहुत ज्यादा है, इसलिए 10000 रुपये वापस बेसिक हिस्से में जोड़ दिए जाते हैं.इस तरह कागज पर बेसिक 30000 हो जाता है.लेकिन PF की गणना अभी भी 15000 रुपये पर ही होगी.
कंपनी का PF = 15000 का 12 प्रतिशत= 1800
कर्मचारी का PF = 15000 का 12 प्रतिशत = 1800
इससे पहले भी PF इतना ही कटता था और अब भी PF इतना ही कटेगा.इससे टेक होम सैलरी बिल्कुल नहीं बदलती और 60000 में से 1800 + 1800 घटकर 56400 रुपये रहेगी.
PF लिमिट क्यों जरूरी है?
15000 रुपये की यह लिमिट (PF ceiling)यह तय करती है कि कंपनी और कर्मचारी दोनों के लिए PF कॉन्ट्रीब्यूशन सिर्फ इसी तक जरूरी है.अगर यह सीमा नहीं होती, तो बेसिक बढ़ने के बाद PF कॉन्ट्रीब्यूशन अपने आप जाता है और कर्मचारी के हाथ में आने वाला पैसा कम हो जाता है.यही लिमिट कर्मचारियों को बचाती है और टेक होम सैलरी को स्टेबल रखती है.
लेबर यूनियंस की मांग क्या है?
कई साल से लेबर यूनियन यह मांग कर रही हैं कि PF की यह सीमा बढ़ाई जाए ताकि कर्मचारियों का PF और सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट दोनों लॉन्ग टर्म में बढ़ सके.यह लिमिट साल 2014 में 6500 से बढ़ाकर 15000 की गई थी और तब से अब तक इसमें बदलाव नहीं हुआ है.
सरकार का साफ कहना है कि कर्मचारियों को अभी किसी तरह की टेंशन लेने की जरूरत नहीं है.नया लेबर कोड बस सैलरी स्ट्रक्चर को साफ और एक जैसा बनाता है. बेसिक और अलाउंस का बैलेंस ठीक होता है, जिससे PF, पेंशन और ग्रेच्युटी जैसी सुविधाएं आगे चलकर अच्छे से मिलती हैं.लेकिन जब तक PF का नियम 15000 रुपये की सीमा पर चलता है, टेक होम सैलरी पर कोई असर नहीं आता.














