Saving Tips: हर महीने सैलरी से मोटी बचत करना है? तो आज ही खुलवाएं ये तीन बैंक अकाउंट, जानें आसान तरीका

Money Saving Tips: बहुत लोग सोचते हैं कि कम सैलरी वालों के लिए बचत करना मुश्किल है. लेकिन अगर आप हर महीने इस तरीके को फॉलो करते हैं, तो कुछ ही महीनों में आपको अपने खर्च और सेविंग का साफ फर्क दिखने लगेगा.

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Save Money From Salary: अगर आप चाहते हैं कि आपकी सेविंग अपने आप बढ़े और आप किसी भी इमरजेंसी या बड़े खर्च के लिए तैयार रहें, तो आज ही तीन बैंक अकाउंट का ये स्मार्ट सेविंग फॉर्मूला (Smart Saving Tips) अपनाएं.
नई दिल्ली:

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और लगातार बढ़ती महंगाई में अगर सैलरी मिलते ही खत्म हो जाती है, तो ये खबर आपके लिए है. चाहे आपकी सैलरी 15 हजार हो या 50 हजार, अगर आप हर महीने थोड़ा-थोड़ा सेव (Money Saving Tips) करना शुरू कर दें, तो साल भर में एक अच्छा फंड तैयार कर सकते हैं. इसके लिए जरूरी है सही फाइनेंशियल प्लानिंग (Financial Planning) और स्मार्ट तरीका. इसकी शुरुआत तीन सिंपल बैंक अकाउंट से होती है . आइए जानते हैं कैसे ...

क्यों जरूरी हैं तीन बैंक अकाउंट?

अधिकतर लोग एक ही बैंक अकाउंट से सैलरी लेते हैं, खर्च करते हैं और सेविंग भी उसी में करते हैं. लेकिन यही गलती आपकी मेहनत की कमाई को धीरे-धीरे खत्म कर देती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर आप तीन अलग-अलग बैंक अकाउंट खोलें और उन्हें अलग-अलग काम के लिए इस्तेमाल करें, तो न सिर्फ खर्च कंट्रोल होगा बल्कि सेविंग अमाउंट भी अपने आप बढ़ेगी.

पहला अकाउंट: सैलरी अकाउंट

अगर आप नौकरी करते हैं तो आपके पास सैलरी अकाउंट पहले से होगा. इस अकाउंट का काम सिर्फ सैलरी लेना है. जैसे ही सैलरी आती है, उसे जरूरत के हिसाब से बाकी दो अकाउंट में ट्रांसफर कर दें. इससे आपको साफ पता चलेगा कि आपके पास कितना पैसा आया और कितना खर्च या बचत होनी है.

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दूसरा अकाउंट: सेविंग अकाउंट

यह अकाउंट सिर्फ और सिर्फ बचत के लिए होना चाहिए. सैलरी से तय रकम मान लीजिए 20% इस अकाउंट में डालें और उसे वहीं रहने दें. इस पैसे से आप फ्यूचर में SIP, FD या किसी भी स्कीम में इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं. इस अकाउंट से कभी भी खर्च न करें. यह आपकी फाइनेंशियल सेफ्टी का बेस बन सकता है.

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तीसरा अकाउंट: खर्च वाला या 'स्पेंडिंग अकाउंट'

अब बारी आती है उस अकाउंट की जिससे आप महीने भर का खर्च करेंगे. इसे स्पेंड अकाउंट कह सकते हैं. जैसे ही सैलरी आए, पहले बजट (Monthly Budget Plan)  बनाकर सिर्फ उतना ही पैसा इस अकाउंट में ट्रांसफर करें जितना आपको पूरे महीने के खर्च में चाहिए. रेंट, ग्रॉसरी, बिल, ट्रैवल, मोबाइल रिचार्ज सब कुछ इसी अकाउंट से करें. इससे आपके हाथ में पूरा कंट्रोल रहेगा कि कहां कितना खर्च हो रहा है.

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कैसे मिलेगा फायदा?

अगर आप हर महीने इस तरीके को फॉलो करते हैं, तो कुछ ही महीनों में आपको अपने खर्च और सेविंग का साफ फर्क दिखने लगेगा. सैलरी से सेविंग निकाल कर अलग रखने से फिजूलखर्ची पर भी लगाम लगेगी. इसके साथ ही, किसी इमरजेंसी में भी आपको तुरंत मदद मिलेगी क्योंकि आपने सेविंग अकाउंट में फंड पहले से तैयार हो रखा है.

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कम सैलरी वालों के लिए भी है काम की ट्रिक

बहुत लोग सोचते हैं कि कम सैलरी वालों के लिए बचत करना मुश्किल है. लेकिन ये ट्रिक ऐसे लोगों के लिए और भी जरूरी है. छोटी रकम से शुरुआत करें. भले 500 रुपये ही क्यों न हो, लेकिन सेविंग की आदत डालना सबसे जरूरी है.

अगर आप चाहते हैं कि आपकी सेविंग अपने आप बढ़े और आप किसी भी इमरजेंसी या बड़े खर्च के लिए तैयार रहें, तो आज ही तीन बैंक अकाउंट का ये स्मार्ट सेविंग फॉर्मूला (Smart Saving Tips) अपनाएं. बस सैलरी आते ही थोड़ा स्मार्ट तरीके से पैसा अलग करें और हर महीने खुद को फाइनेंशियली मजबूत बनाएं.

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