- बिहार सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की गाइडलाइन जारी कर दी है. इसमें मदद ओर लोन का प्रावधान है.
- हर परिवार की एक महिला को 10,000 रुपये की सहायता मिलेगी. जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह से जुड़ना होगा.
- 6 महीने बाद व्यवसाय सफल रहने पर महिलाओं को दो लाख रुपये तक के लोन देने की व्यवस्था की गई है.
केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह 'लखपति दीदी' योजना के जरिये महिलाओं को सशक्त करने का लक्ष्य रखा है, वहीं बिहार में 'जीविका दीदियां' महिलाओं को सशक्त कर रही हैं. हाल ही में सीएम नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की घोषणा की थी, जिसपर कैबिनेट की मीटिंग में मुहर लगी. अब राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना की गाइडलाइन जारी कर दी है. इसके तहत राज्य की हर वो महिला, जो स्वरोजगार शुरू करना चाहती हैं, उन्हें 10,000 रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जाएगी.
बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और महिलाओं को लुभाने के लिए ये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बड़ा कदम बताया जा रहा है. पहले भी नीतीश शराबबंदी अभियान, शिक्षक बहाली में महिला आरक्षण समेत अन्य मुद्दों के जरिये महिला वोटर्स को लुभाते रहे हैं.
गाइडलाइन में क्या बताया गया है?
इस योजना का लाभ एक परिवार से केवल एक महिला को मिलेगा. इस योजना का लाभ पाने के लिए शर्त यह है कि लाभार्थी महिला को जीविका दीदी स्वयं सहायता समूह (SHG) से जुड़ना होगा. ग्रामीण विकास विभाग ने सोमवार को जारी निर्देशों में बताया कि छह महीने बाद अगर महिला का कारोबार ठीक चलता है, तो उसे आगे बढ़ाने के लिए 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा.
हर परिवार की एक महिला को जोड़ा जाएगा
नीतीश कुमार ने 29 अगस्त को सोशल मीडिया पर इस योजना का ऐलान किया था और कैबिनेट से मंजूरी भी ली थी. उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि राज्य के 2.7 करोड़ परिवारों की हर महिला को इस योजना से जोड़ा जाएगा. इससे न सिर्फ महिलाओं को रोजगार मिलेगा बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.
2 लाख रुपये तक का लोन भी मिलेगा
योजना के तहत पहले चरण में 10,000 रुपये दिए जाएंगे. इसके बाद व्यवसाय की स्थिति देखकर 15,000 रुपये, 75,000 रुपये या अधिकतम 2 लाख रुपये तक का लोन दिया जाएगा. ब्याज दर 12% प्रति वर्ष होगी, जबकि चुकाने की अवधि 1 से 3 साल के बीच तय की गई है ताकि महिलाओं पर बोझ न पड़े.
जीविका से जुड़ी हैं 1.34 करोड़ महिलाएं
जीविका दीदी योजना का संचालन बिहार ग्रामीण जीविकोपार्जन प्रोत्साहन समिति (BRLPS) करती है. इसे 2006 में विश्व बैंक की मदद से शुरू किया गया था. वर्तमान में राज्य में 10.81 लाख स्वयं सहायता समूह सक्रिय हैं, जिनसे 1.34 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं. ये समूह कृषि, पशुपालन, हस्तशिल्प, किराना दुकान, सिलाई-कढ़ाई और छोटे उद्योगों से महिलाओं की आय बढ़ा रहे हैं. हाल ही में इसके तहत जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड बनाया गया है, जो महिलाओं को बैंक की तरह सस्ती दर पर कर्ज उपलब्ध कराएगा.