CAGR क्या है और Mutual Funds में निवेश करते समय इसे सबसे पहले क्यों देखना चाहिए, जानें

अमूमन इसके लिए सीएजीएआर (CAGR) देखा जाता है. एम्फी के अनुसार कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला रिटर्न मेट्रिक है

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म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों पर आधारित है. सीएजीआर इसलिए बदलता रहता है
नई दिल्ली:

हम और आप जब भी निवेश करते हैं तो सबसे यह देखते हैं कि पैसा कहां पर निवेश कर रहे हैं. वहां पर पैसा कितना सुरक्षित है और फिर दूसरा सवाल यह होता है कि क्या रिटर्न मिलेगा. रिटर्न हमेशा समयावधि पर निर्भर करता है. तब बात निकलकर यह आती है कि निवेश सुरक्षित और जब तक निवेश रखा गया है तब तक ज्यादा रिटर्न मिले. म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश आम धारणा में सुरक्षित माना ही जाता है. लेकिन स्पष्ट रूप से कहा जाता है कि म्यूचुअल फंड में निवेश बाजार आधारित निवेश है और रिस्क भी बाजार आधारित है. इसलिए कहा जाता है कि यहां पर निवेश से पहले संबंधित म्यूचुअल फंड के ऑफर डॉक्यूमेंट को जरूर पढ़ लेना चाहिए.

जब आप म्यूचुअल फंड (Mutual funds CAGR) में निवेश का मन चुके हैं तब आपको यह देखना होता है कि एक फंड कितना रिटर्न दे रहा है. अमूमन इसके लिए सीएजीएआर (CAGR) देखा जाता है. What is CAGR . एम्फी के अनुसार कम्पाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (Compound Annual Growth rate CAGR) काफ़ी ज़्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला रिटर्न मेट्रिक है क्योंकि यह वास्तव में किसी निवेश द्वारा कमाया गया साल-दर-साल का रिटर्न बताता है, जो पूर्ण रिटर्न के विपरीत होता है जो किसी निवेश पर रिटर्न कमाने में लगने वाले समय पर ध्यान दिए बिना पॉइंट-टू-पॉइंट रिटर्न बताता है. साधारण शब्दों में यह वो दर है जिससे आपको अपने निवेश पर जो रिटर्न मिल रहा है वह प्रतिवर्ष कितना हुआ यह बताता है. कारण कि बाजार की चाल सतत बदलती रहती है सो आपका रिटर्न में हमेशा बदलता रहा है. इसे कुल समयावधि पर साल दर साल क्या रिटर्न मिला उसका एक एवरेज कर हर साल का रिटर्न निकाला जाता है. 

प्रारंभिक निवेश राशि, निवेश के अंतिम मूल्य और व्यतीत समय अवधि के आधार पर किसी निवेश द्वारा कमाया गया औसत वार्षिक रिटर्न को सीएजीआर कहा जाता है. आप ऐसे समझ लीजिए कि बैंक में आप जब एफडी करते हैं तब वे बताते हैं कि सालाना आपको करीब कितना ब्याज मिलेगा. How CAGR is calculated इसे कंपाउंडेड करके हर साल राशि निकाली जाती है जो खाते में जमा होती है और फिर अंत में मैच्युरिटी राशि दे दी जाती है. इसी प्रकार म्यूचुअल फंड में होता है. जो राशि आपके निकाले जाने तक हो जाती है उस पर ही सीएजीआर निकाला जाता है. साल, दूसरा साल, तीसरा साल आदि पर इसे निकाला जाता है. 
म्यूचुअल फंड में अलग-अलग ऐसेट क्लासेज़ में मिलने वाले रिटर्न्स की तुलना की जा सकती है. अगर 5 साल पहले किए गए 1000 रु. के निवेश का मूल्य अब 1800 रु. हो गया है, जबकि पूर्ण वृद्धि 80 प्रतिशत है, तो उसका CAGR उस निवेश द्वारा हर साल कमाया गया औसत रिटर्न है. इसका CAGR 12.5 प्रतिशत आता है. अगर सालाना 12.5 प्रतिशत का वादा करने वाली बैंक FD से इसकी तुलना की जाए, तो CAGR तुलना करने की प्रक्रिया को आसान बना देता है.

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