Iran Israel War: मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव से तेल की कीमतों में लगेगी आग, क्या पेट्रोल-डीजल होगा महंगा?

Iran Israel War Impact on Crude oil Prices: जानकार मानते हैं कि तेल के जहाज के किसी प्रमुख चोकपॉइंट से गुजरने में अस्थाई बाधा भी सप्लाई में काफी देरी पैदा कर सकती है, शिपिंग लागत बढ़ सकती है, जिसकी वजह से दुनिया भर में तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है.

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नई दिल्ली:

मिडिल ईस्ट में तनाव (Middle East Crisis) चरम पर पहुंच गया है. मंगलवार को ईरान ने इजरायल पर बड़ा हमला(Iran Attacks Israel) किया जिसके बाद यहूदी राष्ट्र ने तेहरान से बदला लेने की कसम खाई. ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि इन दोनों के बीच अगर युद्ध छिड़ता है तो वह एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष का रुप ले लेगा जो पूरे मिडिल ईस्ट को अपनी चपेट में ले सकता है. इस गहराते संकट के बीच भारत समेत दुनिया भर में तेल की कीमतों (Iran Israel War Crude Oil Price) में उछाल की आशंका जताई जा रही है. 

आखिर क्या कारण हैं कि इजरायल और ईरान के बीच टकराव (Israel-Iran war) बढ़ा तो पेट्रोल और डीजल की कीमतें (Petrol Diesel Price India)भी बढ़ेंगी.चलिए जानते हैं...

रूसी आपूर्ति बढ़ने के बावजूद मिडिल ईस्ट, भारत के एनर्जी इम्पोर्ट के लिए एक प्रमुख क्षेत्र बना हुआ है. भारत अपने तेल और गैस का एक बड़ा हिस्सा इस क्षेत्र से आयात करता है. भारत के लिए इराक, सऊदी अरब, यूएई और कुवैत, तेल के मुख्य मिडिल ईस्ट आपूर्तिकर्ता हैं.

इजरायल ईरानी तेल इनफ्रास्ट्रक्चर को बना सकता है निशाना

भारत अपनी लिक्विफाइड नेचुरल गैस (LNG) का लगभग आधा हिस्सा कतर से आयात करता है. फरवरी में भारत ने कतर के साथ एलएनजी आयात को अगले 20 वर्षों तक बढ़ाने के लिए 78 बिलियन डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस संभावना को लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजार में आशंकाएं बढ़ रही हैं कि इजरायल ईरानी तेल इनफ्रास्ट्रक्चर को निशाना बना सकता है.

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एक्सपर्ट्स चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि अगर इजरायल ने कोई एक्शन लिया तो ईरान होर्मुज स्ट्रेट को ब्लॉक करने या सऊदी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हमला करने जैसी बड़ी कार्रवाई को अंजाम दे सकता है.यहां यह जानना जरूरी है कि होर्मुज स्ट्रेट रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण चॉक प्वाइंट है, जहां से दैनिक ऑयल सप्लाई का पांचवां हिस्सा गुजरता है.

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दुनिया भर में तेल की कीमतों में हो सकता है इजाफा

जानकार मानते हैं कि तेल के जहाज के किसी प्रमुख चोकपॉइंट से गुजरने में अस्थाई बाधा भी सप्लाई में काफी देरी पैदा कर सकती है, शिपिंग लागत बढ़ सकती है, जिसकी वजह से दुनिया भर में तेल की कीमतों में इजाफा हो सकता है. ईरान और इजरायल के बीच अगर युद्ध भड़का तो तेहरान के सहयोगी हिजबुल्लाह और हूती विद्रोही भी अपने हमले बढ़ाएंगे. हूती लाल सागर में बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकते हैं. इस तरह होर्मुज स्ट्रेट और लाल सागर जैसे अहम तेल शिपिंग रूट पूरी तरह से ब्लॉक हो सकते हैं.

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लाल सागर तेल शिपिंग रूट ब्लॉक होना भारत के लिए होगा महंगा

भारत का रूसी तेल लाल सागर से ही आता है. युद्ध छिड़ने की सूरत में तेल के जहाज केप ऑफ गुड होप का रास्ता अपनाएंगे जो कि काफी लंबा रूट है.भारत को कतर से एलएनजी, इराक और सऊदी अरब से तेल, होर्मुज स्ट्रेट के जरिए मिलता है. इसका ब्लॉक होना भारत के लिए महंगा साबित हो सकता है.

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