आमतौर पर हर नौकरीपेशा शख्स अपने सभी तरह के खर्चों के बीच किसी न किसी तरह कुछ न कुछ बचत (Small Savings Scheme) करने के बारे में ज़रूर सोचता है, और अलग-अलग बचत योजनाओं में ज़रूरत और सामर्थ्य के मुताबिक बचत करता भी है.
भारत में छोटी-छोटी बचत के लिए जीवन बीमा पॉलिसी (Life Insurance Policies) खरीदना, भविष्य निधि, यानी प्रॉविडेंट फ़ंड (PF) में निवेश करना, पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड, यानी PPF में निवेश करना, राष्ट्रीय बचत पत्र, यानी NSC खरीदना, बैंक में फ़िक्स्ड डिपॉज़िट, यानी FD करवाना आदि काफ़ी प्रचलित तरीके हैं, लेकिन इनके अलावा भी कुछ ऐसी योजनाएं हैं, जिनमें निवेश करने पर खासी बचत और आय (ब्याज के तौर पर) हो सकती है.
तो आइए, आज आप सभी को बताते हैं एक सरकारी बचत योजना किसान विकास पत्र (KVP) के बारे में, जिसमें निवेश कर आप कुछ ही साल में दोगुनी रकम पा सकते हैं.
किसान विकास पत्र पर कितना मिलता है ब्याज...?
किसान विकास पत्र योजना, यानी KVP के तहत निवेशित रकम पर इस वक्त सरकार 7.5 प्रतिशत ब्याज अदा कर रही है, जिसे वार्षिक आधार पर कम्पाउंड किया जाता है. 1 जनवरी, 2024 के बाद से इस योजना में किए गए निवेश पर यही ब्याज दिया जा रहा है. योजना के अंतर्गत निवेश की हुई रकम मौजूदा ब्याज दर की बदौलत 115 माह में दोगुनी हो जाती है, यानी आज निवेश करने पर नौ साल सात महीने बाद निवेशक के हाथ में दोगुनी रकम होगी.
किसान विकास पत्र में कितना निवेश संभव...?
किसान विकास पत्र में न्यूनतम निवेश या जमा राशि ₹1000 है, लेकिन इसमें निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, तथा ₹100 के गुणांक में किसी भी रकम को निवेश किया जा सकता है. किसान विकास पत्र में एक से ज़्यादा खाते भी खोले जा सकते हैं.
किसान विकास पत्र कौन खरीद सकता है...?
KVP में कोई भी वयस्क शख्स निवेश कर सकता है. किसान विकास पत्र में संयुक्त खाता भी खोला जा सकता है, जिसमें अधिकतम तीन वयस्क शामिल हो सकते हैं. इसके अलावा किसी अवयस्क बालक या बालिका के लिए उसका अभिभावक भी किसान विकास पत्र में निवेश कर सकता है, तथा 10 वर्ष से अधिक आयु होने पर किसी भी अवयस्क के नाम से ही KVP खरीदा जा सकता है.
हां, KVP के बारे में याद रखने लायक एक ज़रूरी बात यह है कि PPF और सुकन्या समृद्धि योजना के विपरीत KVP के तहत मिलने वाला ब्याज और मैच्योरिटी की रकम टैक्सेबल होती है, यानी आपके निवेश पर कमाई रकम पर आपको इनकम टैक्स देना होगा. इसके अलावा, एक और याद रखने लायक अहम बात यह है कि KVP में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के अंतर्गत भी छूट नहीं मिलती है, इसलिए इस योजना में निवेश करने पर इनकम टैक्स का लाभ भी नहीं मिलता है.
किसान विकास पत्र, या KVP उन छोटी बचत योजनाओं में शामिल है, जिन्हें सरकार खुद संचालित करती है. इन सभी योजनाओं के लिए ब्याज दर की समीक्षा हर तिमाही की जाती है. भारतीय डाक द्वारा संचालित इन योजनाओं में KVP के अतिरिक्त लोक भविष्य निधि (PPF), मासिक आय योजना (MIS), सुकन्या समृद्धि योजना (SSA) तथा राष्ट्रीय बचत पत्र (NSC) जैसी योजनाएं शामिल हैं.