फर्जी दावे करने वाले अस्पतालों को अब करना पड़ेगा कार्रवाई का सामना

यह कैशलेस या रीइंबर्स सुविधाओं से अस्पतालों को बाहर करने का कारण भी बन सकता है, और कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है.

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अस्पतालों के फर्जी दावों पर होगी कार्रवाई.
नई दिल्ली:

सामान्य बीमा परिषद (General Insurance Council) अस्पतालों द्वारा किए गए फर्जी स्वास्थ्य दावों के मामलों में कार्रवाई करने की योजना बना रही है. धोखाधड़ी के लिए अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई चेतावनी या सलाह से लेकर कैशलेस सुविधा के निलंबन तक हो सकती है. यह कैशलेस या रीइंबर्स सुविधाओं से अस्पतालों को बाहर करने का कारण भी बन सकता है, और कानूनी कार्रवाई शुरू की जा सकती है.

समिति के सदस्य एस प्रकाश के अनुसार, धोखाधड़ी के स्तर को देखते हुए कार्रवाई की जाएगी. प्रकाश, जो स्टार हेल्थ एंड एलाइड इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंध निदेशक भी हैं, ने मंगलवार को मुंबई में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, "जल्द ही 25 अस्पतालों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाने की उम्मीद है."

परिषद का कहना है कि वह टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म का उपयोग करने का इरादा रखती है जो बीमा कंपनियों के बीच डेटा साझा करने को सक्षम बनाता है. प्लेटफॉर्म के माध्यम से बीमा कंपनियां कमजोर दावों के बारे में विवरण प्राप्त कर सकते हैं. काउंसिल अस्पताल और बीमा कंपनियों के लिए कॉमन पैनल बनाने पर विचार कर रही है. यह चिकित्सा बीमा दावों को डिजिटाइज़ और मानकीकृत करने में मदद करने के लिए हेल्थ एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर भी काम कर रहा है.

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इसकी निगरानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, इरडा और परिषद द्वारा की जाएगी. IRDAI स्वास्थ्य बीमा के लिए मौजूदा 52% कैशलेस दावों को 100% करने का लक्ष्य रखता है. 

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