अगर आप ट्रेन में सफर करते हैं या आपके परिवार की महिलाएं लंबी दूरी की यात्रा करती हैं, तो यह खबर उनके लिए बहुत जरूरी है. भारतीय रेलवे महिला यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेनों में खास सुविधा देती है. इनमें से एक सबसे खास सुविधा है रिजर्व सीट की . राजधानी समेत कई ट्रेनों में महिलाओं के लिए रिजर्व सीट रहती है. लेकिन हैरानी की बात है कि बहुत से लोग आज भी इन सुविधाओं के बारे में नहीं जानते.
आज हम आपको बताएंगे कि रेलवे की ओर से महिला यात्रियों के लिए दी जा रही इस खास सुविधा के तहत कितनी सीट और बर्थ रिजर्व होती है. आइए जानते हैं...
महिलाओं के लिए रिजर्व सीट का प्रावधान
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में जानकारी दी है कि 1989 के रेलवे अधिनियम के तहत महिलाओं के लिए ट्रेनों में सीटें आरक्षित होती हैं. इस अधिनियम के अनुच्छेद 58 के अनुसार, लंबी दूरी की मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों की स्लीपर क्लास में 6 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित होती हैं. इतना ही नहीं, राजधानी, दूरंतो, गरीब रथ जैसी पूरी तरह एसी ट्रेनों की 3AC क्लास में भी 6 बर्थ महिला यात्रियों के लिए तय की गई हैं, चाहे उनकी उम्र कुछ भी हो.
सीनियर सिटीजन और गर्भवती महिलाओं के लिए भी रिजर्व बर्थ
महिलाओं के साथ-साथ वरिष्ठ नागरिकों और गर्भवती महिलाओं के लिए भी लोअर बर्थ रिजर्व की जाती हैं. स्लीपर क्लास में प्रति कोच 6 से 7 लोअर बर्थ, 3AC में 4 से 5 लोअर बर्थ और 2AC में 3 से 4 लोअर बर्थ 45 साल या उससे ज्यादा उम्र की महिलाओं और बुजुर्गों के लिए तय की जाती हैं.
महिलाओं के लिए अलग कोच और स्पेशल ट्रेनें
महिला यात्रियों को सुरक्षित और सहज यात्रा का अनुभव देने के लिए रेलवे ने सीटिंग कम लगेज रेक (SLR) कोच में महिलाओं के लिए अलग सेक्शन की व्यवस्था की है. इसके अलावा, अगर किसी रूट पर डिमांड हो, तो इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट (EMU), डीजल मल्टीपल यूनिट (DMU) और मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम( MMTS) ट्रेनों में भी महिलाओं के लिए अलग कोच लगाए जा सकते हैं. मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, दिल्ली-NCR और सिकंदराबाद जैसे बड़े शहरों में तो सिर्फ महिलाओं के लिए ‘लेडीज स्पेशल' लोकल ट्रेनों का संचालन भी किया जा रहा है.
सुरक्षा के लिए रेलवे का खास इंतजाम
रेलवे ने महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए RPF और GRP के जरिए ट्रेनों में एस्कॉर्टिंग की व्यवस्था की है. किसी भी इमरजेंसी में महिलाएं 139 हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकती हैं, जो सीधे 112 नेशनल इमरजेंसी नंबर से जुड़ा है. ट्विटर और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए भी तुरंत मदद मिलती है. वहीं, रेलवे स्टेशन पर CCTV कैमरे लगाए गए हैं जिससे सुरक्षा और मजबूत हो सके.
अकेली महिला यात्रियों के लिए ‘मेरी सहेली' पहल
लंबी दूरी की यात्रा करने वाली अकेली महिलाओं के लिए रेलवे ने 'मेरी सहेली' नाम से एक खास पहल शुरू की है. इस योजना के तहत RPF की महिला और पुरुष टीम यात्रा की शुरुआत से अंत तक इन महिलाओं पर खास नजर रखती है ताकि उनकी यात्रा पूरी तरह सुरक्षित हो.
इस सुविधा का इस्तेमाल कैसे करें?
अगर आप टिकट बुक करते समय महिला यात्री के रूप में डिटेल भरते हैं, तो आपको महिला कोटे में रिजर्व की गई सीट मिलने की संभावना रहती है. इसके लिए आपको कोई अलग प्रोसेस फॉलो नहीं करना पड़ता, बस ट्रेन टिकट बुकिंग (Train Ticket Booking) करते समय सही जानकारी देना जरूरी है.
अगर आप या आपके परिवार की महिलाएं ट्रेन से सफर करती हैं, तो जान लें कि रेलवे की ये सुविधाएं न सिर्फ सफर को आसान बनाती हैं बल्कि सुरक्षा का भरोसा भी देती हैं.
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