Income Tax Filing New Rules: देश में टैक्स देने वाले करोड़ों लोगों के लिए एक बड़ी खबर सामने आई है. अगले साल से आयकर रिटर्न यानी ITR भरने का तरीका काफी बदलने वाला है. सरकार ने साफ कर दिया है कि जनवरी 2026 तक नए ITR फॉर्म और नए नियम जारी कर दिए जाएंगे. ये फॉर्म पूरी तरह नए Income Tax Act, 2025 के हिसाब से होंगे, जो 1 अप्रैल 2026 से लागू हो जाएगा.
इसका मतलब ये है कि FY 2025-26 की इनकम के लिए आप पूरी तरह नए तरीके से ITR भरेंगे. कई पुरानी चीजें हटेंगी, फॉर्म और सिस्टम दोनों आसान होंगे और कुछ नियम सख्त भी हो सकते हैं. आम लोगों के लिए ये बदलाव काफी मायने रखते हैं, इसलिए इन्हें समझना बेहद जरूरी है.
नए नियम क्यों लाए जा रहे हैं?
CBDT चेयरमैन रवि अग्रवाल ने बताया कि सरकार का बड़ा मकसद टैक्स फाइलिंग को आसान, साफ-सुथरा और यूजर फ्रेंडली बनाना है. नए फॉर्म ऐसे होंगे जिन्हें आम लोग भी बिना किसी मुश्किल के समझ सकें.इसके लिए फॉर्म में भरी लंबी-लंबी कानूनी भाषा, पुराने नियम और मुश्किल सेक्शन बड़ी मात्रा में हटा दिए गए हैं. नया कानून 60 साल पुराने Income Tax Act, 1961 को रिप्लेस कर रहा है, ताकि पूरा सिस्टम मॉडर्न और डिजिटल हो सके.
नया कानून कैसे होगा आसान?
नए Income Tax Act, 2025 में सेक्शन 819 से घटाकर 536 कर दिए गए हैं और चैप्टर 47 से घटाकर 23 कर दिए गए हैं.
यानी पूरा सिस्टम अब छोटा, सरल और समझने में आसान होगा. सरकार का दावा है कि इससे गलतियां कम होंगी और नोटिस भी कम मिलेंगे.
नए ITR फॉर्म कैसे होंगे?
नए फॉर्म डिजाइन किए जा रहे हैं और जनवरी तक जारी कर दिए जाएंगे. CBDT के मुताबिक फॉर्म में आसान भाषा, साफ टेबल और स्टेप बाय स्टेप गाइड होगी, ताकि रिटर्न भरना पहले से काफी आसान हो जाए.डिपार्टमेंट चाहता है कि लोगों को सिस्टम अपडेट करने और बदलाव समझने के लिए पर्याप्त समय मिल सके.
न्यू टैक्स रिजीम पर ज्यादा फोकस
नए ITR फॉर्म में सरकार नए टैक्स रिजीम पर ज्यादा फोकस करेगी.इसका मतलब है कि नया रिजीम डिफॉल्ट रहेगा. पुराने रेजिम की छूटें और डिडक्शन भी आसानी से दिखेंगे लेकिन पूरा डिजाइन ऐसा होगा कि लोग धीरे-धीरे नए रिजीम की तरफ शिफ्ट हों.एक्सपर्ट के मुताबिक ये बदलाव टैक्सपेयर्स का झंझट कम करने और सिस्टम को आसान बनाने के लिए किए जा रहे हैं.
डाटा मैचिंग होगी और मजबूत
नए फॉर्म में AIS, TIS और GST के डाटा से बेहतर मैचिंग होगी.इससे गलतियां कम होंगी,मिसमैच नोटिस कम आएंगे,ऑटो-प्रीफिल और ज्यादा सटीक होगा.यानी टैक्सपेयर का समय और मेहनत दोनों बचेंगे.
कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग में बदलाव
जो लोग शेयर, म्यूचुअल फंड या प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं, उनके लिए एक नई बात होगी.अब 23 जुलाई 2024 से पहले और बाद के ट्रांजेक्शन अलग-अलग दिखाने होंगे.इससे कैपिटल गेन का हिसाब साफ और ट्रांसपेरेंट रहेगा.
एसेट और लायबिलिटी की लिमिट बढ़ाई गई
पहले 50 लाख से ज्यादा नेटवर्थ वाले लोगों को अपनी संपत्ति और देनदारी की डीटेल देनी होती थी.अब ये लिमिट बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है.यानी मिडल क्लास को बड़ी राहत मिलेगी.
ITR-1 और ITR-4 ज्यादा लोगों के लिए उपलब्ध
नए नियमों के बाद ज्यादा टैक्सपेयर्स इन आसान फॉर्म का इस्तेमाल कर सकेंगे.कुछ कैपिटल गेन होने पर भी, अगर लॉस कैरी-फॉरवर्ड नहीं है, तो ITR-1 या ITR-4 भरना संभव होगा.
अगले साल की टैक्स फाइलिंग में समय भी बढ़ेगा
सरकार ने साफ कर दिया है कि AY 2025-26 के लिए समय सीमा बढ़ाई जाएगी, ताकि लोग और कंपनियां नए फॉर्म और नियमों को आसानी से समझ सकें.यानी टैक्सपेयर्स को हड़बड़ी में रिटर्न नहीं भरना पड़ेगा.
हाई नेटवर्थ लोगों, बड़े निवेशकों और जिनकी इनकम कई सोर्स से आती है, उनके लिए रिपोर्टिंग और खुलासे ज्यादा सख्त होंगे. इसके पीछे सरकार का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना और टैक्स चोरी रोकना है.
आम लोगों के लिए क्या फायदा होगा?
- फॉर्म आसान होंगे
- गलतियां कम होंगी
- नोटिस कम आएंगे
- डाटा ऑटो-प्रीफिल और मजबूत होगा
- कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग साफ होगी
- रिटर्न भरने में समय बचेगा
- नया टैक्स सिस्टम समझना आसान होगा
सरकार का दावा है कि नए फॉर्म टैक्स फाइलिंग को पूरी तरह डिजिटल और स्मूथ बना देंगे.
कब से लागू होंगे नए फॉर्म?
सभी नए फॉर्म जनवरी 2026 में जारी होंगे और 1 अप्रैल 2026 से लागू हो जाएंगे.यानी यह नियम FY 2025-26 की इनकम पर लागू होगा.अगर आप टैक्सपेयर हैं, तो आने वाले महीनों में आपके लिए ये बदलाव के बारे में सही जानकारी होना बेहद जरूरी हैं.














