- सस्ती या पुरानी कार खरीदते समय केवल लुक देखकर निर्णय लेना बड़ी गलती होती है
- कार के सर्विस रिकॉर्ड और कागजी दस्तावेजों की पूरी जांच करना जरूरी है ताकि धोखाधड़ी से बचा जा सके
- टेस्ट ड्राइव न करने पर कार की वास्तविक स्थिति और चलाने में आने वाली समस्याओं का पता नहीं चलता है
हर किसी का सपना होता है कि उसके पास अपनी खुद की कार हो, और अक्सर कम बजट वाले लोग या पहली बार कार खरीदने वाले सस्ती नई या पुरानी कार का ऑप्शन चुनते हैं. बाजार में कई आकर्षक डील्स और कम कीमत के विकल्प मौजूद हैं, लेकिन सस्ती के चक्कर में की गई कुछ गलतियां बाद में भारी पड़ सकती हैं. एक छोटी-सी चूक आपको मरम्मत, सेफ्टी और कानूनी झंझटों के जरिए लाखों का नुकसान करवा सकती है.
अगर आप भी एक सस्ती या पुरानी कार खरीदने का मन बना रहे हैं, तो इन 5 गलतियों से बचना आपके लिए बेहद जरूरी है.
सिर्फ लुक देखकर खरीदना
सस्ती के चक्कर में लोग अक्सर गाड़ी के लुक या कम कीमत को ही देखते हैं. यह सबसे बड़ी गलती है. बेकने वाला जानबूझकर मामूली रिपेयर या पॉलिशिंग करवाकर गाड़ी को एकदम नया सा बना देता है, जिससे अंदरूनी खामियों के बारे में पता नहीं चल पाता. इसलिए हमेशा अपने साथ एक भरोसेमंद और अनुभवी मैकेनिक को लेकर जाएं. इंजन, ट्रांसमिशन, बैटरी और सस्पेंशन की पूरी जांच करवाएं. सिर्फ लुक पर नहीं, कार की परफॉर्मेंस और कंडीशन पर भी फोकस करें.
सर्विस रिकॉर्ड को नजरअंदाज करना
सस्ती या पुरानी कार खरीदते समय अक्सर लोग कागजी कार्रवाई और सर्विस हिस्ट्री को अनदेखा कर देते हैं, जो भविष्य में बड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है. इसके लिए कार के सभी ओरिजिनल डॉक्यूमेंट्स (RC, इंश्योरेंस, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट) चेक करें. कार का पूरा सर्विस रिकॉर्ड चेक करें, इससे पता चलेगा कि उसका रखरखाव ठीक से हुआ है या नहीं.
'टेस्ट ड्राइव' से बचना
चाहे कार कितनी भी सस्ती हो, टेस्ट ड्राइव ना करना एक बड़ी गलती है. टेस्ट ड्राइव से आपको कार की असल कंडीशन और ड्राइविंग का पता चलता है. इसलिए खरीदने से पहले कार को अलग-अलग सड़कों पर चलाकर देखें. ब्रेक, क्लच और स्टीयरिंग का रेस्पॉंस चेक करें. एयर कंडीशनर और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक फीचर्स को भी चलाकर देखें.
'सेफ्टी फीचर्स' को अनदेखा करना
कई सस्ती पुरानी कारों में एयरबैग्स, ABS या इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम नहीं होते हैं. लोग पैसे बचाने के चक्कर में सेफ्टी से समझौता कर लेते हैं, जो बाद में लाइफ के लिए रिस्की भी हो सकता है. इसलिए कार में कम से कम दो एयरबैग्स और ABS जैसे फीचर्स जरूर हों, इसकी जांच करें.
बीमा ऑप्शन की तुलना न करना
पुरानी या सस्ती कार पर बीमा और लोन की कीमत कई बार नई कार से ज्यादा हो सकती है. लेकिन लोग बिना कंपेयर किए डीलर के बताए हुए ऑप्शन को मान लेते हैं. इसलिए हमेशा अलग-अलग बैंकों या फाइनेंस कंपनियों से पुरानी कार लोन की ब्याज दरों की तुलना करें.