हेल्‍थ इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर GST तो जीरो हो गई, आपको कितना लाभ मिलेगा? जानें वित्त मंत्रालय ने कंपनियों से क्‍या कहा

केंद्र ने इंश्‍योरेंस कंपनियों पर सख्ती दिखाते हुए,उन्हें जीएसटी का पूरा फायदा ग्राहकों को पास करने का निर्देश दिया है. सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी सुधारों का प्रचार करने और पॉलिसीधारकों तक लाभ पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाएं.

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GST on Health Insurance and Life Insurance: जीएसटी पर महीनों तक चले मंथन के बाद टैक्‍स स्‍लैब 4 से घटा कर 2 कर दिया गया है. सबसे बड़ी बात ये कि रोजमर्रा की जरूरत के कई सामानों पर टैक्‍स दरें या तो काफी कम कर दी गई है, या फिर जीरो कर दिया गया है. इसी के साथ एक बहुत जरूरी फैसला लिया गया- इंश्‍योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी खत्‍म करने का, जो कि पहले 18 फीसदी था. लेकिन क्‍या इस फैसले का पूरा लाभ आपको मिलेगा? ये सवाल इसलिए क्‍योंकि यहां पेच है, आईटीसी यानी इनपुट टैक्‍स क्रेडिट का. 

दरअसल, अब तक बीमा कंपनियां ग्राहकों से 18% जीएसटी वसूलती थीं. साथ ही, उन्हें अपने कई खर्चों पर भी जीएसटी सरकार को देना पड़ता था. जैसे एजेंट का कमीशन, मार्केटिंग, दफ्तर का किराया आदि. कंपनियों को एक सुविधा ये दी गई थी कि वे अपने खर्चों पर जो टैक्स देते हैं, उसे ग्राहकों से वसूले गए टैक्स में से एडजस्‍ट (adjust) कर सकते हैं. ये सुविधा इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) कहलाती है. जीरो टैक्‍स व्‍यवस्‍था में कंपनियों को ITC का लाभ नहीं मिलने वाला, ऐसे में संदेह ये है कि इंश्‍योरेंस कंपनियां इसका बोझ कहीं ग्राहकों पर ही न डाल दें. ऐसा हुआ तो प्रीमियम महंगा हो जाएगा! 

लेकिन अब केंद्र ने इंश्‍योरेंस कंपनियों पर सख्ती दिखाते हुए,उन्हें जीएसटी का पूरा फायदा ग्राहकों को पास करने का निर्देश दिया है. सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे जीएसटी सुधारों का प्रचार करने और पॉलिसीधारकों तक लाभ पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाएं.

वित्त मंत्रालय ने मीटिंग बुलाकर दिए निर्देश 

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने सरकारी और निजी क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से बैठक की. इसमें सचिव ने जीएसटी सुधार के सकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया. साथ ही कहा कि इससे आम आदमी के लिए इंश्योरेंस लेना किफायती हो जाएगा और पहुंच में सुधार होगा.

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस कदम से इंश्योरेंस को अधिक सुलभ और लागत प्रभावी बनाने, वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने और देश भर में इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने की उम्मीद है. ये मीटिंग जीएसटी परिषद द्वारा अपनी 56वीं बैठक में लिए गए हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी से छूट के फैसले को लेकर आयोजित की गई थी.

सभी पॉलिसी होल्‍डर्स को मिले लाभ

बैठक के दौरान, सचिव ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि कर में कटौती का लाभ मौजूदा और संभावित पॉलिसीधारकों, दोनों को पूरी तरह से मिले. रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार, पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम का लाभ मिलेगा.

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हेल्थ इंश्योरेंस के प्रीमियम में कमी आएगी, यह वित्त वर्ष 2025 में उद्योग की सकल प्रत्यक्ष प्रीमियम आय (जीडीपीआई) का 16 फीसदी था. हालांकि अगर पूरा लाभ दिया जाता है, तो स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के मुनाफे पर दबाव पड़ सकता है.

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर शून्य दर से मरीजों की सामर्थ्य और पहुंच में वृद्धि होने की उम्मीद है. जैसे-जैसे हेल्थ इंश्योरेंस की पहुंच में और सुधार होगा, इससे अस्पताल क्षेत्र को भी लाभ होगा. रिपोर्ट के अनुसार, दीर्घावधि में, यह कदम स्वास्थ्य सेवा को अधिक समावेशी और किफायती बनाने के सरकार के दृष्टिकोण के अनुरूप है.

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