TDS रिफंड कैसे क्लेम करें? क्या हैं इसके फायदे? जानिए इससे जुड़ी सभी जरूरी जानकारी

TDS refund india: यह कटौती पूरे साल आपकी इनकम में से की जाती है और अगर आपने जरूरत से ज्यादा टैक्स चुकाया हो तो टैक्सपेयर्स को वो पैसा वापस पाने के लिए TDS रिफंड क्लेम करना जरूरी हो जाता है.

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TDS Claiming Process: अगर आपने TDS के जरिए ज्यादा टैक्स चुकाया है, तो रिफंड क्लेम करके आप अपना वो पैसा वापस पा सकते हैं.
नई दिल्ली:

TDS Refund Process: इस समय टैक्सपेयर्स अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने में जुटे होंगे. लेकिन इसे फाइल करते समय लोग अक्सर इनकम के सोर्स पर काटे गए टैक्स यानी TDS (Tax deducted at source) की अनदेखी कर देते है. यह कटौती पूरे साल आपकी इनकम में से की जाती है और अगर आपने जरूरत से ज्यादा टैक्स चुकाया हो तो टैक्सपेयर्स को वो पैसा वापस पाने के लिए TDS रिफंड क्लेम करना जरूरी हो जाता है.

क्या होता है TDS

आपको जिस किसी सोर्स से इनकम हो रही है, उस पर टैक्स काट लेने के लिए सरकार TDS का इस्तेमाल करती है. यह आपको होने वाली इनकम के कई सोर्स से काटा जाता है जैसे सैलरी, फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर मिलने वाला इंटरेस्ट, प्रोफेशनल फीस आदि.
 

TDS रिफ़ंड

इनकम यानी आमदनी के सोर्स पर अगर आपका ज्यादा टैक्स काटा गया है तो उसे वापस पाने की प्रक्रिया ही रिफंड कहलाती है. यदि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टीडीएस रिफंड (TDS Refund) करने में देरी करता है तो उसे 6 फीसदी सालाना की दर से आपको ब्याज देना पड़ता है.

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TDS रिफंड का फायदा

इसका सबसे बड़ा फायदा तो ये हैं कि अगर आपने TDS के जरिए ज्यादा टैक्स चुकाया है, तो रिफंड क्लेम करके आप अपना वो पैसा वापस पा सकते हैं. साथ ही, रिफंड क्लेम करने से आपकी वार्षिक कर देनदारी (annual tax liability) भी कम हो सकती है. इस तरह आप lower tax bracket में आ सकते हैं, जिससे आपका और भी ज्यादा पैसा बचेगा.

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TDS रिफंड कौन कर सकता है क्लेम

ऐसे इंडिविजुअल जिनकी टोटल इनकम उस फाइनेंशियल ईयर के लिए सरकार की कर छूट सीमा से कम हो, वो TDS रिफंड क्लेम करने के लिए एलिजिबल है. चूंकि उन पर किसी भी तरह का कर यानी टैक्स बकाया नहीं होगा, इसलिए वे अपनी आमदनी से काटे गए किसी भी TDS के लिए रिफंड क्लेम कर सकते हैं.

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ऑनलाइन TDS रिफंड क्लेम करने का तरीका (Steps For TDS Refund)

ऑनलाइन TDS रिफंड का आवेदन करने के लिए सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं. अगर आपका रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है तो पहले पोर्टल पर जाकर खुद को रजिस्टर कराएं. उसके बाद अपना लॉगिन आईडी और पासवर्ड डालकर पोर्टल पर लॉग इन करें. अपनी कैटेगरी के हिसाब से इनकम टैक्स रिटर्न का फॉर्म सेलेक्ट करें और रिटर्न फाइल करें. फॉर्म में मांगी गई सभी जरूरी जानकारी भरने के बाद उसे जमा कर दें. वहां से मिले एक्नोलेजमेंट का ई-वेरिफिकेशन डिजिटल सिग्नेचर, नेट बैंकिंग अकाउंट या आधार के जरिये आने वाले वन टाइम पासवर्ड (OTP) की मदद से करें.

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वेरिफिकेशन का तरीका


1. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाएं.

2. वेबसाइट पर लॉग इन करने के बाद बाद ‘ई-फाइल' टैब पर जाएं.

3. मेन्यू में से ‘इनकम टैक्स रिटर्न' और फिर ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स' सेलेक्ट करें.

4. ‘व्यू फाइल्ड रिटर्न्स' में आपको अपने अभी तक फाइल किए सभी रिटर्न की लिस्ट दिखेगी.

5. जिस असेसमेंट ईयर का स्टेटस आपको चेक करना है, उस साल के आगे लिखे ‘सी डीटेल्स' पर क्लिक करें.
अगर आपका रिटर्न प्रोसेस हो चुका है और यदि उस पर रिफंड बनता है तो आपको वहां ‘रिफंड स्टेटस' लिंक दिखेगा. उस लिंक पर क्लिक करके आप अपने रिफंड के बारे में जानकारी ले सकते हैं. स्क्रीन पर आपको रिटर्न फाइल करने की तारीख, उसकी प्रोसेसिंग की तारीख और रिफंड जारी करने की तारीख समेत सभी जानकारी नजर आ जाएगी.

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