Home Buying Tips: घर खरीदना सही रहेगा या किराये पर रहना? इन 3 Thumb Rules से फैसला करना हो जाएगा आसान

Home Buying vs Renting 2025 in India: अगर आप किसी शहर में 5 साल या उससे ज्यादा समय तक रहने की सोच रहे हैं, तो घर खरीदना एक सही निवेश साबित हो सकता है. घर खरीदने के फैसले में आपकी नौकरी की स्टेबिलिटी, फैमिली प्लानिंग, शहर में रहने की मंशा, और दूसरी फाइनेंशियल जिम्मेदारियां भी मायने रखती हैं.

विज्ञापन
Read Time: 4 mins
Buying Home vs Rent: अगर आप भी कंफ्यूजन में हैं कि घर खरीदें या किराए पर रहें, तो ये खबर आपके लिए है.
नई दिल्ली:

घर खरीदना या किराये पर रहना, ये फैसला बहुत लोगों के लिए एक बड़ा सवाल होता है. खासतौर पर जब जेब, नौकरी और लाइफस्टाइल सभी कुछ जोड़कर सोचना पड़े. एक तरफ घर खरीदना इमोशनल हो सकता है, वहीं दूसरी तरफ ये एक बड़ी फाइनेंशियल जिम्मेदारी भी है. इसलिए सिर्फ भावनाओं से नहीं, बल्कि सही कैलकुलेशन और नियमों से सोच-समझकर ये फैसला लेना चाहिए.

घर खरीदें या किराए पर रहें? क्या है बेहतर

आज हम बात कर रहे हैं ऐसे 3 आसान Thumb Rules की जो आपकी मदद करेंगे तय करने में कि घर खरीदना बेहतर है या किराए पर रहना. ये नियम मुश्किल नहीं हैं और हम इसे बहुत सिंपल तरीके से समझने वाले हैं.

4% Rule: घर खरीदने का सबसे आसान Thumb Rules

इस नियम के मुताबिक, अगर किराये की सालाना लागत घर की कीमत के 4% से ज्यादा हो, तो घर खरीदना बेहतर हो सकता है. अगर किराया 4% से कम है, तो किराये पर रहना ज्यादा समझदारी है.

उदाहरण के तौर पर:

अगर किसी 2BHK फ्लैट का रेट 40 लाख रुपये है और आप उसी फ्लैट का 15,000 रुपये महीना किराया दे रहे हैं, तो सालाना किराया होगा 1.8 लाख रुपये
(1.8/40) × 100 = 4.5%  यानी ये 4% से ज्यादा है. इस केस में घर खरीदना सही फैसला हो सकता है.

2. 30% Rule: आपकी जेब क्या कहती है?

इस नियम के अनुसार, आपको अपनी मासिक आय का 30% से ज्यादा खर्च घर पर नहीं करना चाहिए, चाहे वो किराया हो या लोन की EMI, मेंटेनेंस, टैक्स वगैरह.अगर आपकी सैलरी 60,000 रुपये है, तो आपकी हाउसिंग कॉस्ट 18,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इससे आप बाकी जरूरी खर्च और सेविंग को बिना परेशानी के कर पाएंगे.

3. 5 साल का Rule: कितनी देर तक एक जगह रहेंगे?

अगर आप किसी शहर में 5 साल या उससे ज्यादा समय तक रहने की सोच रहे हैं, तो घर खरीदना एक सही निवेश साबित हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि घर खरीदने और बेचने में ट्रांजैक्शन कॉस्ट, रजिस्ट्रेशन, डाउन पेमेंट जैसी चीजें जुड़ी होती हैं, जो छोटा समय रहने पर वाजिब नहीं लगती.

Advertisement

कम से कम 5 साल में आपको उस घर की कीमत में इतना इजाफा मिल सकता है, जिससे ये खर्च निकल आए. वरना किराये पर रहना ज्यादा बेहतर होगा.

क्या सिर्फ Thumb Rules से फैसला लेना सही है?

नहीं, सिर्फ इन नियमों के आधार पर घर खरीदने या किराये पर रहने का फैसला नहीं लिया जाना चाहिए. लेकिन ये नियम आपको एक आसान कैलकुलेशन और जानकारी देते हैं कि फाइनेंशियल एंगल से कौन सा ऑप्शन बेहतर है.आपकी नौकरी की स्टेबिलिटी, फैमिली प्लानिंग, शहर में रहने की मंशा, और दूसरी फाइनेंशियल जिम्मेदारियां भी मायने रखती हैं. लेकिन इन Thumb Rules को ध्यान में रखकर आप एक सोच-समझकर लिया गया फैसला जरूर ले सकते हैं.

Advertisement

अगर आप भी कंफ्यूजन में हैं कि घर खरीदें या किराए पर रहें, तो यहां बताए  गए 4%, 30% और 5 साल के रूल को आज ही अपने फाइनेंस पर अप्लाई करें. इससे आपका फैसला न सिर्फ आसान होगा, बल्कि लॉन्ग टर्म में फायदे का सौदा भी बन सकता है.

ये भी पढ़ें-  घर की EMI कम करने और लाखों बचाने का आसान तरीका, जानें रेपो रेट घटा तो होम लोन वालों को अब क्या करना चाहिए?

Advertisement

RBI के फैसले के बाद इन 5 बैंकों ने घटाईं ब्याज दरें, जानिए किस बैंक से मिलेगा सबसे सस्ता लोन, देखें नए रेट्स

Featured Video Of The Day
Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2' में तुलसी-मिहिर कर रहे वापसी? | Smriti Irani | NDTV India
Topics mentioned in this article