GST कटौती के बाद सेकेंड हैंड कार बेचने या खरीदने पर Tax देना होगा या मिलेगी छूट? जान लें क्या है नया नियम

GST on used cars in India: अब सेकेंड हैंड वाहनों पर 18% की एक समान जीएसटी दर तय की गई है.पहले छोटी कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों पर अलग-अलग दरें थीं, लेकिन अब इन्हें बड़ी कारों और एसयूवी के बराबर लाकर 18% कर दिया गया है.

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News GST Rates: अगर आप सेकेंड हैंड कार खरीदने या बेचने वाले हैं, तो यह बदलाव सीधा आपके बजट पर असर डालेगा.
नई दिल्ली:

GST on Sale of Old and Used Cars: अगर आप पुरानी कार खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके काम की है. जीएसटी रेट में कटौती के बाद यह सवाल बहुत लोगों के मन में आ रह है कि सेकेंड हैंड कार बेचने पर जीएसटी देना पड़ेगा या नहीं? अगर आप भी ऐसा सोच रहे हैं तो जान लें कि जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में एक बड़ा फैसला लिया है, जिसके बाद सेकेंड हैंड यानी पुराने वाहनों की बिक्री पर जीएसटी का नियम बदल गया है.

अब हर पुरानी गाड़ी की पूरी कीमत पर टैक्स नहीं लगेगा, बल्कि सिर्फ उस हिस्से पर जीएसटी देना होगा जहां विक्रेता को असल में फायदा यानी मार्जिन हुआ है.

क्या है नया नियम?

जानकारों के मुताबिक, अगर कोई रजिस्टर्ड कंपनी या डीलर पुरानी गाड़ी बेच रहा है, तो जीएसटी तभी लगेगा जब उसे इस सौदे से मुनाफा हो. यानी अगर कार की बिक्री कीमत उसके खरीद मूल्य या आयकर कानून के तहत तय डिप्रिसिएशन वैल्यू से ज्यादा है, तो सिर्फ उस अतिरिक्त रकम पर 18% जीएसटी लगेगा.

उदाहरण से समझिए...

मान लीजिए किसी कंपनी ने एक गाड़ी 20 लाख रुपये में खरीदी थी. उस पर 8 लाख रुपये का डिप्रिसिएशन क्लेम कर लिया गया. अब उसकी मौजूदा वैल्यू 12 लाख रुपये रह गई. अगर कंपनी इस गाड़ी को 10 लाख रुपये में बेचती है तो उसे कोई जीएसटी नहीं देना होगा, क्योंकि बिक्री में उसे कोई फायदा नहीं हुआ.लेकिन अगर वही गाड़ी 15 लाख रुपये में बिकती है, तो 3 लाख रुपये के मार्जिन पर 18% जीएसटी लगेगा.

नुकसान पर बेचने पर टैक्स नहीं

अगर कोई डीलर गाड़ी को खरीद प्राइस से कम में बेच रहा है, तो उस पर कोई जीएसटी नहीं लगेगा. यानी अगर गाड़ी 12 लाख की खरीदी और 10 लाख में बेच दी, तो मार्जिन निगेटिव हुआ और ऐसे में टैक्स नहीं लगेगा.

पुराने इलेक्ट्रिक वाहन पर भी बदला नियम

पहले पुराने इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी उनकी पूरी बिक्री कीमत पर लगता था. लेकिन अब यह नियम बदल गया है. अब यहां भी सिर्फ मार्जिन पर ही टैक्स लगेगा. एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह बदलाव खरीदारों के लिए फायदेमंद साबित होगा और सेकेंड हैंड इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतें कम होने की संभावना है.

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किस पर कितना टैक्स?

अब सेकेंड हैंड वाहनों पर 18% की एक समान जीएसटी दर तय की गई है.पहले छोटी कारों और इलेक्ट्रिक वाहनों पर अलग-अलग दरें थीं, लेकिन अब इन्हें बड़ी कारों और एसयूवी के बराबर लाकर 18% कर दिया गया है.

अगर आप सेकेंड हैंड कार खरीदने या बेचने वाले हैं, तो यह बदलाव सीधा आपके बजट पर असर डालेगा. पुरानी गाड़ी खरीदने वालों के लिए कीमतें कम हो सकती हैं, क्योंकि टैक्स सिर्फ मार्जिन पर लगेगा, पूरे प्राइस पर नहीं. वहीं, बेचने वालों को भी साफ पता होगा कि कब टैक्स देना है और कब नहीं.

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आसान शब्दों में कहें तो अब पुरानी कार के सौदे में जीएसटी तभी लगेगा जब डील से फायदा हो. यानी अगर मुनाफा है तो टैक्स देना होगा, अगर घाटा है तो कोई जीएसटी नहीं.
 

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