- ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के बाद से सोने ने दिवाली के मौके पर बाजार को पीछे छोड़ दिया है
- चांदी ने सेमीकंडक्टर मांग के कारण अच्छा प्रदर्शन किया है और लगातार तीसरे साल इक्विटी से बेहतर रिटर्न दिया है
- विशेषज्ञों के अनुसार वैश्विक अनिश्चितता और फेड की मॉनेटरी पॉलिसी में ढील सोने की तेजी को बढ़ावा दे रही है
निवेशकों के लिए सोना-चांदी और शेयर बाजार रिटर्न के हिसाब से मजबूत माने जाते हैं. हालांकि शेयर बाजार में एक कहावत है कि, जितना ज्यादा मुनाफा होता है, उतना ही रिस्क होता है. वहीं, जहां रिस्क कम होता है, वहां मुनाफा भी कम कमा पाते हैं. पर ये कहावत सोना-चांदी के निवेश में ठीक नहीं बैठ रही है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि साल 2018 से अगर इस दिवाली तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो एक या दो साल को छोड़ दें तो मार्केट के मुकाबले सोना ही रिटर्न के मामले में आगे रहा है.
क्या कहती है ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार साल 2021 के बाद से सोने ने दिवाली पर रिटर्न के मामले में बाजार को पीछे छोड़ा है. साथ ही चांदी ने भी अपनी चमक बिखेरी है. वहीं, निफ्टी कई साल दिवाली के मौके पर रिटर्न के मामले में बेदम दिखाई दिया है.
- 2018: सोना 7.30% चढ़ा, निफ्टी 4.45% बढ़ा, जबकि चांदी -5.91% गिरी
- 2019: सोना 21.58% और चांदी 26.72% बढ़ी, वहीं निफ्टी 9.71% पर रहा
- 2020: कोरोना काल में सोना 31.34% और चांदी 33.72% तक उछली, निफ्टी ने भी 9.92% दिया
- 2021: सोना -6.86% और चांदी 0.48% रही, जबकि निफ्टी ने 40.19% का शानदार रिटर्न दिया
- 2022: सोना 5.42% और चांदी -12.14% गिरी, निफ्टी सिर्फ -1.04% रहा
- 2023: निफ्टी ने 10.12% दिया, सोना 20.50% और चांदी 27.36% पर रही
- 2024: सोना 41.43% और चांदी 37.15% बढ़ी, निफ्टी ने 23.97% का रिटर्न दिया
- 2025: सोना 40.94% और चांदी 37.42% के साथ रिकॉर्ड बना चुकी है, जबकि निफ्टी 4.12% पर सिमटा
क्यों बरकरार है सोने में तेजी
एक्सपर्ट के अनुसार,
- वैश्विक स्तर पर चल रहीं अनिश्चितताएं
- अमेरिकी फेड की मॉनेटरी पॉलिसी में ढ़ील
- कई देशों के रिजर्व बैंकों द्वारा सोने को खरीदना
सोने को अभी तेजी दे सकता है. हालांकि आने वाले सालों में स्टॉक मार्केट और गोल्ड में रिटर्न का गैप कम हो सकता है. वहीं, अमेरिका की टैरिफ नीति भी इसकी खरीदारी में तेजी लाई है.
चांदी भी बिखेर रही चमक
सिर्फ सोना ही नहीं, बल्कि चांदी भी अपनी तेजी को बनाए हुए है. इसने रिटर्न के मामले में इक्विटी से अच्छा प्रदर्शन किया है. सेमीकंडक्टर की बढ़ती मांग ने चांदी की कीमतों को सपोर्ट दिया है. जहां सोने ने 4 साल से मार्केट को पीछे किया है तो वहीं, चांदी भी लगातार तीसरे साल बाजार को पछाड़ रही है.