घरेलू बाजार में सोने की कीमतों में पिछले कुछ सत्रों से जारी तेजी पर ब्रेक लग गया है. डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये में आई मजबूती के चलते मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोने के भाव अपने ऑल-टाइम हाई 1,35,199 से गिरकर 1,34,206 रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गए हैं. पिछले तीन कारोबारी सत्रों में सोने की कीमतों में करीब 1,000 रुपये की बड़ी गिरावट दर्ज की गई है.
सर्राफा बाजार में सोने की कीमतों की बात करें तो 20 दिसंबर शनिवार को 24 कैरेट सोना 1,34,180 रुपये/10 ग्राम के करीब चल रहा है, वहीं 22 कैरेट का भाव 1,23,000 रुपये/10 ग्राम के करीब है. चांदी का भाव 2,14,000 रुपये/ किलो के करीब है.
क्रिसमस के नजदीक आते ही निवेशकों के मन में यह सवाल है कि क्या शुक्रवार को बाजार बंद होने से पहले देखी गई रिकवरी अगले हफ्ते भी जारी रहेगी या यह सिर्फ शॉर्ट-सेलर्स की मुनाफावसूली का नतीजा थी.
क्यों गिर रहे हैं सोने-चांदी के दाम?
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सोने की कीमतों में इस गिरावट के पीछे मुख्य रूप से 'घरेलू ट्रिगर' काम कर रहा है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया 91.07 के रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरकर 89.59 के स्तर पर आ गया है. 'यस वेल्थ' के डायरेक्टर अनुज गुप्ता के मुताबिक, बैंक ऑफ जापान द्वारा ब्याज दरें बढ़ाने के फैसले से डॉलर पर दबाव बढ़ा है, जिसका सीधा फायदा भारतीय रुपये को मिला और इसने सोने की बढ़त को रोक दिया.
वैश्विक स्तर पर कॉमैक्स (COMEX) पर सोना $4,330 के करीब एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है. एलकेपी सिक्योरिटीज के मुताबिक, रुपये की मजबूती ने घरेलू स्तर पर तेजी की संभावनाओं को सीमित कर दिया है.
निवेशक खरीदारी करें या इंतजार?
भले ही कीमतों में गिरावट आई हो, लेकिन एक्सपर्ट्स अभी भी सोने के भविष्य को लेकर 'बुलिश' (सकारात्मक) हैं. केडिया एडवायजरी के अनुसार, जब तक MCX पर सोना 1,32,000 रुपये और चांदी 2,03,000 रुपये के ऊपर बनी हुई है, तब तक हर बड़ी गिरावट को खरीदारी के मौके के रूप में देखा जाना चाहिए.
जानकारों का मानना है कि यदि सोना 1,35,000 रुपये के स्तर को पार करता है, तो ये जल्द ही 1,37,000 से 1,40,000 रुपये के स्तर तक जा सकता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी 4,400 डॉलर के ऊपर बंद होने पर सोना 4,500 डॉलर की ओर बढ़ सकता है.
सोने में तेजी के बड़े कारण
अमेरिका में महंगाई दर (CPI) के आंकड़ों में नरमी के बाद अब बाजार को उम्मीद है कि फेडरल रिजर्व आने वाले समय में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है. साथ ही यूक्रेन युद्ध और वेनेजुएला के तेल शिपमेंट को लेकर बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने 'सेफ-हेवन' के रूप में सोने की मांग बढ़ा दी है.
सोना इस साल अब तक करीब 65% का रिटर्न दे चुका है, जो 1979 के बाद से इसका सबसे शानदार प्रदर्शन है. जानकारों का कहना है कि शॉर्ट टर्म में रुपये की चाल सोने पर दबाव बना सकती है, लेकिन लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह गिरावट पोर्टफोलियो में सोना जोड़ने का अच्छा अवसर हो सकती है.














