Gold Buying Tips: त्योहारों पर सोना खरीदने से पहले इन बातों का रखें ध्यान, वरना लाखों का हो सकता है नुकसान

Gold Buying Tips: करवाचौथ, धनतेरस और दीवाली के समय सोना खरीदना शुभ होता है, लेकिन समझदारी के साथ खरीदारी करेंगे तभी आपका सोना सच में चमकेगा और त्योहार की खुशियां दोगुनी होंगी..

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Tips for Buying Gold: करवाचौथ, धनतेरस और दीवाली के समय सोना खरीदना शुभ होता है.
नई दिल्ली:

फेस्टिव सीजन आ चुका है करवाचौथ, धनतेरस और दीवाली के मौके पर हर कोई कुछ न कुछ शुभ खरीदना चाहता है. भारतीय परंपरा में सोना खरीदना न सिर्फ शुभ माना जाता है, बल्कि ये निवेश और सुरक्षा दोनों के लिहाज से बेहतर माना जाता है. लेकिन अगर आप सोने की खरीदारी बस सुनकर या बिना जानकारी के करते हैं, तो आपकी जेब से हजारों ही नहीं, लाखों रुपये तक का नुकसान हो सकता है.इसलिए इस बार शॉपिंग से पहले इन बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है ताकि आपका त्योहार खुशियों और समझदारी दोनों से भरा हो.

सोने का ताजा रेट खुद चेक करें

धनतेरस या दीवाली के दिन सोने का भाव हर शहर में अलग होता है. दिल्ली, मुंबई, जयपुर या पटना हर जगह रेट में थोड़ा फर्क होता है. इसलिए ज्वेलरी शॉप जाने से पहले अपने शहर का 22 कैरेट और 24 कैरेट गोल्ड रेट ऑनलाइन जरूर चेक करें.कई बार जौहरी असली भाव से ज्यादा कीमत बताकर बेचते हैं, जिससे ग्राहक को नुकसान हो जाता है. इसलिए अपने मोबाइल पर गोल्ड प्राइस जरूर देख लें ताकि आप ओवरचार्ज न हों.

अलग-अलग ज्वेलर्स की तुलना करें

हर ज्वेलर अपने हिसाब से मेकिंग चार्ज और वेस्टेज चार्ज लगाता है. किसी के यहां ये कम होते हैं, किसी के ज्यादा. इसलिए खरीदारी से पहले 2-3 दुकानों का रेट जरूर मिलाएं. त्योहारों पर कई बार जौहरी ऑफर या डिस्काउंट भी देते हैं.अगर मेकिंग चार्ज ज्यादा लग रहा है, तो मोलभाव करने में हिचकिचाएं नहीं. थोड़ा सा रिसर्च आपको हजारों बचा सकता है.

मेकिंग चार्ज और वेस्टेज चार्ज समझें

गहनों को डिजाइन करने की मेहनत का खर्च मेकिंग चार्ज कहलाता है. ये या तो ग्राम के हिसाब से होता है या फिर कुल कीमत का कुछ प्रतिशत.सिंपल डिजाइन में ये चार्ज कम होता है, जबकि हेवी डिजाइन में ज्यादा. त्योहारों के वक्त कई ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज कम या माफ भी कर देते हैं, इसलिए ये डिटेल पूछना न भूलें.

वहीं वेस्टेज चार्ज उस सोने का खर्च होता है जो डिजाइनिंग के दौरान बर्बाद होता है,इसे भी पहले ही क्लियर कर लें.

हॉलमार्क और HUID नंबर जरूर देखें

सोना खरीदते वक्त सबसे जरूरू ये है कि आप हॉलमार्क ज्वेलरी ही खरीदें.हॉलमार्क एक सरकारी सर्टिफिकेशन है जो सोने की शुद्धता की गारंटी देता है. इसमें 5 चीजें होती हैंBIS का लोगो, कैरेट की जानकारी (जैसे 22K, 18K), जौहरी की पहचान, टेस्टिंग सेंटर का मार्क और सबसे जरूरी HUID नंबर, जो हर गहने का यूनिक कोड होता है.

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सोना खरीदने से पहले BIS Care ऐप पर जाकर HUID नंबर जरूर वेरीफाई करें. इससे आपको पक्की जानकारी मिलेगी कि आपका सोना असली और शुद्ध है.

GST और बिल की जांच करें

सोना खरीदने पर 3% GST देना होता है. उदाहरण के लिए, अगर आपने ₹50,000 का सोना खरीदा तो ₹1,500 GST लगेगा.बिल में GST अलग से लिखा होना चाहिए. हमेशा पक्का बिल लें और उसमें कैरेट, वजन, मेकिंग चार्ज, GST और HUID नंबर साफ-साफ देखें.बिना बिल के खरीदे गए गहने पर बाद में दावा करना या बेचना मुश्किल हो सकता है.

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बाय-बैक पॉलिसी जानें

अगर भविष्य में आप वही ज्वेलरी बेचने का सोचें तो पहले से जौहरी से पूछ लें कि वे बाय-बैक पॉलिसी में कितनी कटौती करेंगे.कुछ ज्वेलर्स पूरा पैसा देते हैं, कुछ मेकिंग चार्ज काट लेते हैं. ये बातें पहले ही क्लियर करने से बाद में कोई दिक्कत नहीं होगी.

कितनी शुद्धता वाला सोना खरीदें

सोने की शुद्धता कैरेट में मापी जाती है.खरीदते वक्त कैरेट की जानकारी जरूर लें ताकि धोखा न हो.

  • 24 कैरेट सोना 99.9% शुद्ध होता है लेकिन ये बहुत नरम होता है, इसलिए इससे गहने नहीं बनते.
  • 22 कैरेट (91.6%) सोना गहनों के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है.
  • 18 या 14 कैरेट सोना फैशन ज्वेलरी में काम आता है क्योंकि उसमें दूसरे मेटल भी मिलाए जाते हैं.

त्योहार पर समझदारी से करें खरीदारी

करवाचौथ, धनतेरस और दीवाली के समय सोना खरीदना शुभ होता है, लेकिन समझदारी के साथ किया गया निवेश ही सही मायनों में लाभ देता है.इसलिए इस बार जब भी शोरूम जाएं, तो इन बातों को ध्यान में रखेंरेट खुद चेक करें, हॉलमार्क देखें, बिल लें और बाय-बैक पॉलिसी समझें. तभी आपका सोना सच में चमकेगा और त्योहार की खुशियां दोगुनी होंगी.

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