Petrol Diesel Price: आज बदल गए पेट्रोल-डीजल के दाम, गाड़ी की टंकी फुल करवाने से पहले जानें रेट

Petrol Diesel Price On September 23 : अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ता है. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होती है, तो भारत में भी पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ जाते हैं.

Advertisement
Read Time: 2 mins
P
नई दिल्ली:

Petrol Diesel Price Today: सरकारी तेल कंपनियों ने आज यानी 24 सितंबर को पेट्रोल-डीजल के रेट अपडेट कर दिए हैं. देश के सभी राज्यों के लिए पेट्रोल और डीजल की कीमतें हर दिन बदलती रहती हैं. जिसके मुताबिक, कई राज्यों में आज पेट्रोल-डीजल के दाम घट गए हैं. लेकिन कुछ राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ गई हैं.

ऐसे में गाड़ी की टंकी फुल करवाने से पहले यह पता कर लें कि आज आपके शहर में  पेट्रोल (Petrol Price Today) और डीजल (Diesel Price Today) किस भाव पर मिल रहा है. तो चलिए जान लेते हैं ...

देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल के भाव (Petrol-Diesel Price)

  • दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 94.72 रुपये और डीजल 87.62 रुपये प्रति लीटर है.
  • मुंबई में पेट्रोल की कीमत 103.44 रुपये और डीजल 89.97 रुपये प्रति लीटर है.
  • कोलकाता में पेट्रोल की कीमत 104.95 रुपये और डीजल 91.76 रुपये प्रति लीटर है.
  • चेन्नई में पेट्रोल की कीमत 100.75 रुपये और डीजल 92.34 रुपये प्रति लीटर है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि का आम लोगों की जेब पर सीधा असर

पेट्रोल और डीजल कच्चे तेल से बनाए जाते हैं. इसलिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर पड़ता है. जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत में बढ़ोतरी होती है, तो भारत में भी पेट्रोल और डीजल के भाव बढ़ जाते हैं. पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि से महंगाई बढ़ती है, जिसका असर आम लोगों की जेब पर पड़ता है. 

ऑनलाइन चेक करें पेट्रोल-डीजल का रेट

इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC) की वेबसाइट: https://iocl.com/
भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BPCL) की वेबसाइट: https://www.bharatpetroleum.in/
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) की वेबसाइट: https://www.hindustanpetroleum.com/

Featured Video Of The Day
Israel Hezbollah War: हिज्बुल्लाह की समांतर सरकार चलाने की लालसा कैसे लेबनान पर भारी पड़ रही है?