भारत में केंद्र सरकार पिछले कुछ सालों से इलेक्ट्रिक वाहनों (electric vehicles) को लगातार बढ़ावा दे रही है. सड़कों से पुरानी गाड़ियां हटाने और परपंरागत ईंधनों पर निर्भरता कम करने की कवायद में सरकार नए नियम-कानून भी ले आई है. इसके लिए बकायदा देश में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लागू हुई है, और ईंधन के रूप में एथेनॉल का विकल्प लाने पर काम हो रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि परंपरागत इंजन पर चलने वाली गाड़ियों का क्या? क्या उनका रजिस्ट्रेशन बंद हो जाएगा? इस सवाल पर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ वैकल्पिक ईंधन को भी बढ़ावा दे रही है लेकिन परंपरागत इंजन वाले वाहनों का पंजीकरण बंद नहीं होगा.
गडकरी ने उद्योग संगठन इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स (आईसीसी) के एक कार्यक्रम को वर्चुअल तरीके से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों को तेजी से अपनाने के पक्ष में है. इसके अलावा सरकार एथनॉल, बायो-एलएनजी एवं ग्रीन हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक ईंधनों का इस्तेमाल भी बढ़ाना चाहती है. उन्होंने कहा कि इसके बावजूद सरकार इंटर्नल कम्बशन इंजन (आईसीई) से चलने वाले वाहनों का पंजीकरण बंद नहीं करेगी. उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि हमें कुछ भी अनिवार्य करने की जरूरत नहीं है.'
ये भी पढ़ें : ...तो अगले दो साल में सस्ते होकर पेट्रोल कारों के दाम पर मिलने लगेंगे इलेक्ट्रिक व्हीकल
गडकरी ने कहा कि वह विमानों में इस्तेमाल होने वाले ईंधन एटीएफ में भी 50 प्रतिशत एथनॉल के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहनों को लोग पसंद कर रहे हैं और इन वाहनों की बिक्री भी बढ़ी है. उन्होंने बताया कि ई-वाहनों के विकास में करीब 250 स्टार्टअप लगे हुए हैं और आगे चलकर इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत में कमी आएगी. उन्होंने ग्रीन हाइड्रोजन को भविष्य का ईंधन बताते हुए कहा, ‘‘मैं खुद अगले महीने एक ऐसी कार खरीदने वाला हूं जो हाइड्रोजन से चलेगी.'
Video : क्या है Flex Engine जिस पर दौड़ेगी आपकी गाड़ी, केंद्रीय मंत्री गडकरी का ये है प्लान