आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाले दिल्ली नगर निगम के सदन ने बृहस्पतिवार को कई प्रस्ताव पारित किये, जिनमें पार्षदों का भत्ता प्रति बैठक 300 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये करना शामिल है. विपक्षी दल भाजपा ने इस कदम का विरोध जताया और उसके सदस्यों ने सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया.
सदन ने 160 साल से अधिक पुरानी हरदयाल म्यूनिसिपल पब्लिक लाइब्रेरी के लिए एक नयी प्रबंध समिति गठित करने और 23 सेवाएं घर बैठे उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी, जिसमें जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करना और फैक्ट्री लाइसेंस का नवीकरण शामिल होगा.
सदन की बैठक में विपक्षी दल भाजपा के सदस्य शामिल नहीं हुए जबकि कांग्रेस के कुछ पार्षदों ने अपने वार्ड में स्वच्छता, पार्किंग और निवासियों के सामने आने वाली अन्य समस्याओं के मुद्दे उठाए, जिसके कारण उनके और कुछ आप पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई.
भाजपा ने 29 अगस्त को घोषणा की थी कि यदि सदन की कार्यवाही रक्षाबंधन के दिन संचालित होती है तो उसके सदस्य इसमें शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह नगर निगम कर्मचारियों के ‘‘उत्पीड़न'' के समान होगा.