DA पर बड़ी खबर, आज मोदी कैबिनेट की बैठक में फैसला संभव : सूत्र

सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए (Dearness Allowance DA) पर फैसला ले सकती है. कहा जा रहा है कि डीए (DA) 3 या 4 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है. बता दे कि वर्तमान में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance DA) बेसिक सैलरी का 38 प्रतिशत है. 

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पीएम नरेंद्र मोदी की कैबिनेट बैठक में Dearness Allowance (महंगाई भत्ते) पर फैसला संभव
नई दिल्ली:

Dearness Allowance latest news update: करोड़ों सरकारी कर्मचारियों को साल में दो बार महंगाई भत्ता साल दिया जाता है. गौर करने की बात है कि सरकारी नियमानुसार महंगाई भत्ता जनवरी से और जुलाई से दिया जाता है. सूत्रों से मिली लेटेस्ट जानकारी के अनुसार आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कैबिनेट (PM Narendra Modi Cabinet) की बैठक करने जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में सरकार महंगाई भत्ता यानी डीए (Dearness Allowance DA) पर फैसला ले सकती है. कहा जा रहा है कि डीए (DA) 3 या 4 प्रतिशत तक बढ़ाया जा सकता है. बता दे कि वर्तमान में महंगाई भत्ता (Dearness Allowance DA) बेसिक सैलरी का 38 प्रतिशत है. 

बता दें कि अमूमन महंगाई भत्ता की घोषणा होली और दिवाली (Dearness Allowance on HOLI and DIWALI) से पहले होती रही है. इस घोषणा के साथ सरकारी कर्मचारियों की जेबों में सरकार अतिरिक्त पैसा देती है. कहा जाता है कि महंगाई भत्ता के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की घर ले जाने वाला वेतन भी बढ़ जाती है. लेकिन इस बार होली पर होने वाली घोषणा अभी तक नहीं हुई थी. सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ते मिलने से ज्यादा तनख्वाह में इजाफे का इंतजार भी रहता है लेकिन यह इंतजार बढ़ता ही जा रहा है और उनके भीतर नाराजगी भी बढ़ती ही जा रही थी.

ज्ञात हो कि पांच राज्यों में नई पेंशन योजना (New Pension Scheme NPS) को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना (Old Pension scheme OPS) लागू होने और लागू होने की घोषणा होने के बाद कई अन्य राज्यों में भी ऐसी ही मांग उठने लगी है. 

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महंगाई का हाल

हाल ही में खुदरा मुद्रास्फीति (Wholesale Price index) जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई थी. उधर फरवरी में थोक महंगाई दर के आंकड़े बता रहे हैं कि महंगाई कुछ काबू में जरूर आई है. आंकड़ों के हिसाब से महंगाई पहले संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गई थी. बता दें कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी. तब खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी. आंकड़े बता रहे हैं कि खाने-पीने के सामान की महंगाई की मार के चलते लोग परेशान हैं. खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी. बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति पर विचार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति पर गौर करता है

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