जब भी आप किसी क्रेडिट कार्ड (Credit Card) या लोन के लिए अप्लाई करते हैं तो बैंक या फिर लोन संस्थान सबसे पहले आपका क्रेडिट स्कोर (Credit Score) चेक करते हैं. क्रेडिट स्कोर ये दिखाता है कि लोन के लिए अप्लाई करने वाला व्यक्ति समय पर लोन का भुगतान कर पाएगा या नहीं यानी उस व्यक्ति को लोन देने में कितना जोखिम है. अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको लोन मिलने और आपकी एप्लीकेशन स्वीकार होने की संभावना को बढ़ाता है. बिलों का रिपेमेंट करने में आपका रवैया कैसा रहा है, इसी बात से आपका क्रेडिट स्कोर तय होता है.
CIBIL स्कोर की रेंज 300 से 900 के बीच हुआ करती है. आपका CIBIL स्कोर 900 से जितना करीब होता है, लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने के चांसेस उतना ही ज्यादा बढ़ जाते हैं. CIBIL की वेबसाइट पर जाकर आपको अपना क्रेडिट स्कोर चेक करने की फ्री सुविधा उपबल्ध है.
Step-1: CIBIL की वेबसाइट यानी https://www.cibil.com/ पर जाना है और पेज के राइट साइड टॉप कार्नर में 'गेट योर CIBIL स्कोर' पर क्लिक करना है. फ्री ऑप्शन के लिए स्क्रॉल डाउन करिए.
Step-2: यहां पर आपको अपना ईमेल आईडी समेत नाम (इस अकाउंट के लिए यह आपका यूजरनेम होगा), पासवर्ड, आईडी प्रूफ (जैसे वोटर आईडी, पैन कार्ड, पासपोर्ट नंबर, आधार), डेट ऑफ बर्थ, पिन कोड और मोबाइल नंबर लिखना है. इन डिटेल्स को डालने के बाद Accept and Continue पर क्लिक कर देना है.
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Step-3: अब अगले स्टेप में आपकी पहचान वेरिफाई की जाती है. इसके लिए आपने जो मोबाइल नंबर दर्ज किया है, उस पर आपको एक वन-टाइम पासवर्ड यानी कि OTP मिलेगा. OTP दर्ज कर, 'कंटीन्यू' पर क्लिक कर दें.
Step-4: यहां, आप एनरोल हो गए हैं लिखा आएगा और ये आपको नई विंडो पर ले जाएगा. अब आपको अपने क्रेडिट स्कोर को चेक करने के लिए 'गो टू डैशबोर्ड' पर क्लिक करना है.
Step-5: इस अंतिम स्टेप में वेबसाइट आपको myscore.cibil.com पर ले जाएगी, यहां आप मुफ्त में अपना CIBIL स्कोर और CIBIL रिपोर्ट देख सकेंगे.
एक बार Account बना लेने के बाद आप https://myscore.cibil.com/ पर 'member login' सेलेक्ट कर अपना CIBIL स्कोर देख सकते हैं. यहां लॉग-इन करने के लिए बस अपना ई-मेल आईडी और पासवर्ड दर्ज करना होगा.
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CIBIL स्कोर को प्रभावित करती हैं ये चीजें, ऐसे बेहतर रख सकते हैं रेटिंग
पेमेंट हिस्ट्रीपेमेंट में देरी या EMI पर डिफॉल्ट आपके सिबिल स्कोर पर निगेटिव असर डालता है. समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड का पेमेंट हो जाए तो इससे क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है.
क्रेडिट यूटिलाइजेशन का रेशियोआप कुल क्रेडिट का कितना खर्च करते है वहीं आपका क्रेडिट यूटिलाईज़ेशन रेशियो होता है. मान लीजिए कि आपकी क्रेडिट लिमिट दो लाख है और आपने 40 हजार खर्च किया है तो आपका क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो 20% हुआ. ज्यादा खर्च यानी क्रेडिट पर आपकी निर्भरता ज्यादा मानी जाती है जो गलत प्रभाव डालती है. अपने क्रेडिट यूटिलाइजेशन रेशियो को कभी 30 प्रतिशत से अधिक न होने दें.
बैलेंस्ड क्रेडिटसिक्योर्ड लोन (जैसे कार लोन या होम लोन ) और अन-सिक्योर्ड लोन (पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड) के बीच बैलेंस बनाकर रखना है. इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर पॉजिटिव इंपैक्ट पड़ता है.
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