डिजिटल होते भारत में यूपीआई, कार्ड्स से पेमेंट ज्यादा हो रहे हैं. अगर वहीं बात क्रेडिट कार्ड की करें तो कोरोना के बाद से इनके यूज में जबरदस्त उछाल आया है. शॉपिंग से लेकर बिजली बिल, ओटीटी फीस, सभी पेमेंट क्रेडिट कार्ड से हो रहे हैं. लेकिन कुछ ग्राहक क्रेडिट कार्ड की एक्सपायरी के बारे में कभी नहीं सोचते हैं और अपना भारी भरकम नुकसान करा लेते हैं. आज इस खबर में आपको उस नुकसान के बारे में बताते हैं.
क्या होती है क्रेडिट कार्ड की एक्सपायरी डेट?
दरअसल बैंक हर क्रेडिट कार्ड की एक वैलिडिटी बना कर देता है. ये वैलिडिटी कार्ड के उपर लिखी होती है. बैंक MM/YY फॉर्मेट का यूज इसके लिए करता है. वैलिडिटी तक कार्ड से बिना किसी रुकावट पेमेंट होते रहते हैं, अगर आपने लिमिट क्रॉस नहीं की है. जैसे ही कार्ड की वैलिडिटी खत्म होती है, वैसे ही इसके जरिए होने वाले ट्रांजेक्शन बंद हो जाते हैं.
कैसे होता है नुकसान?
क्रेडिट कार्ड एक्सपायर होने के बाद इसका असर सीधे तौर पर आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है, जितने दिन आप कार्ड को रिन्यू नहीं कराते हैं, उतने दिन आपका स्कोर डाउन जाता रहता है, क्योंकि कार्ड से जुड़े पेमेंट समय-समय पर फेल होते रहते हैं. हालांकि कह सकते हैं कि सीधे तौर पर कोई नुकसान नहीं होता, पर सिबिल डाउन होने पर जब आप किसी जरुरत समय में लोन के लिए जाते हैं, तो फिर लोन मिलने में समस्या हो सकती है.
साथ ही कार्ड से जुड़े हुए ऑटो पे पर भी रोक लग जाती है. मान लीजिए बिजली का बिल, गैस का बिल, ओटीटी का सब्सक्रिप्शन अगर ऑटो पे पर है, तो सभी रुक जाएगा. कार्ड से पेमेंट फेल होने पर भी क्रेडिट स्कोर पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है. इसलिए अगर कार्ड को रिन्यू आप नहीं कराना चाहते हैं तो इसे कैंसिल करा देना ही बेहतर होगा.