अगर आपने कोई सामान या सर्विस खरीदी और आपको लगता है कि आपके साथ धोखा हुआ है. अगर आपका सामान खराब निकला या सर्विस में कमी रही, तो कंज्यूमर कोर्ट आपका हक दिला सकता है. चाहे दुकानदार सामान बदलने से मना करे या रिफंड न दे, आप कोर्ट में शिकायत कर सकते हैं. यहां हम आपको बताएंगे कि उपभोक्ता मामलों में केस फाइल करना कितना आसान है, चाहे ऑनलाइन हो या ऑफलाइन.
कौन कर सकता है शिकायत?
कोई भी कंज्यूमर जिसे खराब सामान मिला, सर्विस में कमी रही या धोखाधड़ी हुई, वो कंज्यूमर कोर्ट में केस फाइल कर सकता है. इसके अलावा, अगर आपकी जगह कोई और शिकायत करना चाहे, जैसे आपके परिवार का कोई सदस्य, कोई रजिस्टर्ड ग्रुप, या फिर सेंट्रल/स्टेट गवर्नमेंट, वो भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं, बशर्ते मामला सच्चा हो.
कहां फाइल करें शिकायत?
शिकायत कहां फाइल करनी है, ये इस बात पर डिपेंड करता है कि सामान या सर्विस की वैल्यू कितनी है और दुकानदार या कंपनी कहां काम करती है. अगर वैल्यू 50 लाख रुपये तक है, तो जिला कंज्यूमर कमीशन में केस फाइल करें. 50 लाख से 2 करोड़ तक की वैल्यू के लिए स्टेट कमीशन और 2 करोड़ से ज्यादा के लिए नेशनल कमीशन में जाएं. आप उस जगह शिकायत कर सकते हैं जहां आप रहते हैं या जहां दुकानदार का बिजनेस है.
किन कागजों की जरूरत पड़ेगी?
शिकायत फाइल करने के लिए आपको कुछ जरूरी कागज जमा करने होंगे. इनमें बिल, वारंटी कार्ड, दुकानदार या कंपनी के साथ हुई लिखित बातचीत (जैसे ईमेल या लेटर), और खरीद का सबूत शामिल हैं. साथ ही, एक डिटेल्ड शिकायत लेटर बनाएं, जिसमें साफ-साफ बताएं कि सामान या सर्विस में क्या खराबी थी. ये कागज आपके केस को मजबूत करेंगे.
ऑनलाइन शिकायत कैसे करें?
अच्छी बात ये है कि अब आपको कोर्ट जाने की जरूरत नहीं. घर बैठे ऑनलाइन शिकायत फाइल कर सकते हैं.
- इसके लिए e-jagriti.gov.in वेबसाइट पर जाएं. वहां नया अकाउंट बनाएं, जिससे आपको यूजर नेम और पासवर्ड मिलेगा.
- लॉगिन करने के बाद 'File a Complaint' ऑप्शन पर क्लिक करें. एक फॉर्म खुलेगा, जिसमें आपको अपनी डिटेल्स और शिकायत की जानकारी भरनी होगी.
- जरूरी कागज स्कैन करके अपलोड करें और एक छोटी सी फीस जमा करें.
- फॉर्म सबमिट करने पर आपको एक शिकायत नंबर मिलेगा, जिससे आप अपने केस को ट्रैक कर सकते हैं.
- इसके बाद कोर्ट दोनों पक्षों (आप और दुकानदार/सर्विस प्रोवाइडर) को नोटिस भेजेगा, और सुनवाई के बाद फैसला सुनाएगा, जिसमें मुआवजा या सामान बदलने का ऑर्डर हो सकता है.
कितना समय लगेगा?
कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट के मुताबिक, जिला स्तर पर केस को 3 महीने में सॉल्व करना चाहिए, अगर प्रोडक्ट टेस्टिंग की जरूरत न हो. अगर टेस्टिंग जरूरी है, तो 5 महीने तक लग सकते हैं. स्टेट या नेशनल कमीशन में थोड़ा ज्यादा समय लग सकता है, लेकिन अब नियम सख्त हैं ताकि केस जल्दी निपटें.
क्या वकील की जरूरत है?
कंज्यूमर कोर्ट का सिस्टम इतना आसान है कि आपको वकील लेने की जरूरत नहीं. आप खुद अपनी बात रख सकते हैं. लेकिन अगर केस बड़ा है या जटिल है, तो वकील की मदद लेना बेहतर हो सकता है, ताकि आपका केस और मजबूत हो.
चाहे ऑनलाइन शिकायत करें या कोर्ट में जाएं, कंज्यूमर कोर्ट आपके हक की लड़ाई को आसान बनाता है. बस सही कागज और साफ शिकायत तैयार रखें. तो अगर दुकानदार या कंपनी आपको चूना लगाए, तो चुप न रहें, अपने हक के लिए आवाज उठाएं.