बिल पेमेंट ऐप्स (Bill payment apps) आज के समय में तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं. क्योंकि इनकी मदद से बिल पेमेंट करना जहां काफी आसान होता है वहीं ये सिक्योर भी होते हैं. हालांकि, इन ऐप्स को इस्तेमाल करते समय सावधानी न बरतने पर आप कुछ गलतियां कर सकते हैं. जिससे आपकी डेटा प्राइवेसी प्रभावित हो सकती हैं या पेमेंट में देरी भी हो सकती है.इस आर्टिकल में हम आपको उन सामान्य गलतियों के बारे में बताएंगे जो अक्सर लोग बिल पेमेंट ऐप का इस्तेमाल करते समय कर देते हैं. जिससे आप उन गलतियों को करने से बच सकें. ऐसा करके आप हर बार इन ऐप का इस्तेमाल करके सेफ ट्रांजेक्शन कर पाएंगे.
ऐप अपडेट को नजरअंदाज करना (Ignoring App Updates)
क्या आपको पता है कि ऐप के अपडेट को नजरअंदाज करके आप अपने लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकते हैं. कई यूजर ऐप अपडेट नहीं करते क्योंकि वो इसकी जरूरत को समझते ही नहीं. उन्हें पता ही नहीं होता कि नए अपडेट में अक्सर जरूरी सिक्योरिटी पैच (Security patches) और एनहैंस्ड फीचर (Enhanced features) शामिल होते हैं. ऐसे में ऐप को अपडेट न करके, आप अपनी फाइनेंशियल इन्फॉर्मेशन रिस्क में डाल सकते हैं या ऐप इम्प्रूवमेंट से चूक सकते हैं जो आपके ऑनलाइन बिल भरने के एक्सपीरिएंस को और बेहतर बना सकता है. इसलिए अपनी ऐप सेटिंग को ऑटो-अपडेट पर सेट कर लें ताकि जब भी ऐप का अपडेट आए वो ऑटोमैटिक अपडेट हो जाए. या फिर आप इसे नियमित तौर पर मैन्युअल तरीके से अपडेट करना याद रखें.
पेमेंट के लिए अनसिक्योर नेटवर्क का इस्तेमाल (Using Unsecured Networks For Payments)
अगर आप पब्लिक या अनसिक्योर वाई-फाई नेटवर्क से कनेक्ट हैं, तो उस दौरान पेमेंट करना आपकी एक बड़ी गलती साबित हो सकती है. पब्लिक नेटवर्क के जरिए हैकर आसानी से आपकी पर्सनल डिटेल चुरा सकते हैं. इसलिए हमेशा सिक्योर नेटवर्क का इस्तेमाल करके ही अपने बिल का पेमेंट करें. अपने प्राइवेट नेटवर्क का इस्तेमाल करना सबसे अच्छा रहता है. या जरूरत पड़ने पर अपने फोन के मोबाइल डेटा का यूज किया जा सकता है. अगर पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करना जरूरी है, तो अपने पेमेंट ऐप को एक्सेस करने से पहले अपने कनेक्शन को सिक्योर करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (Virtual Private Network - VPN) का यूज करें.
ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को अनदेखा करना (Overlooking Transaction History)
बहुत से लोग अपनी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री (Transaction history) को चेक करना भूल जाते हैं. ये एक ऐसी आदत जिसके वजह से अनडिटेक्टेड एरर या अनऑथराइज चार्ज का सामना करना पड़ सकता है. यह पता करने के लिए कि सभी ट्रांजैक्शन सही हैं, महीने में कम से कम एक बार अपने पेमेंट ऐप पर अपनी ट्रांजैक्शन हिस्ट्री को रिव्यू जरूर कर लें. इस तरह आपको बिलिंग एरर, डबल पेमेंट या धोखाधड़ी वाली गतिविधि का पता लगाने में मदद कर सकती है. जिससे आप कोई फाइनेंशियल लॉस यानी आर्थिक नुकसान होने से बच सकते हैं.
पेमेंट रिमाइंडर सेट नहीं करना (Not Setting Up Payment Reminders)
ड्यू डेट याद न रहना एक ऐसी गलती है, जो लोगों से अक्सर हो जाती है. लेकिन इसकी वजह से आपको लेट फीस, पेनल्टी और कभी-कभी जरूरी सर्विसेज में रुकावट का सामना भी करना पड़ सकता है. कई पेमेंट ऐप्स (payment apps) अपकमिंग ड्यू डेट्स के लिए बिल्ट इन रिमाइंडर भी ऑफर करते हैं. अपने बिलों की ड्यू डेट पर नजर रखने के लिए इन रिमाइंडर का यूज करें या पेमेंट की डेडलाइन पास आने पर आपको नोटिफिकेशन भेजने के लिए अलर्ट सेट कर लें. यह आसान कदम आपको आखिरी तारीख निकल जाने पर हड़बड़ी में बिल पे करने के झंझट या ड्यू डेट के बाद लगने वाली पेनल्टी से बचा सकता है.
भुगतानकर्ता की डिटेल वेरीफाई करने में लापरवाही (Neglecting To Verify Payee Details)
नए भुगतानकर्ता (New payee) को ऐड करना बहुत आसान होता है, लेकिन याद रखें ऐड करने के दौरान गलती होने पर पेमेंट गलत अकाउंट में जा सकता है. इसलिए "send" पर क्लिक करने से पहले हमेशा जिसे आप पैसे भेज रहे हैं उसकी डिटेल जैसे अकाउंट नंबर (Account number), सर्विस प्रोवाइडर इन्फॉर्मेशन (Service provider information) और पेमेंट रेफरेंस कोड (Payment reference codes) को दोबारा चेक जरूर कर लें. इन डिटेल को दोबारा चेक करने से पेमेंट एरर का रिस्क कम हो जाता है.
कमजोर पासवर्ड का इस्तेमाल करना (Using Weak Passwords)
कमजोर पासवर्ड हैकर्स के लिए एक ओपन इन्विटेशन की तरह होता है. आसान से पासवर्ड यानी जिनका अनुमान लगाना मुश्किल न हो, उन्हें यूज न करें, वरना आपकी अकाउंट सिक्योरिटी कॉम्प्रोमाइज हो सकती है. अपने पासवर्ड को मुश्किल बनाने के लिए अपरकेस और लोअरकेस लेटर, नंबर और सिम्बल का इस्तेमाल करें. अगर अवेलेबल हो तो अपने बिल पेमेंट ऐप पर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) इनेबल करें. एक स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और 2FA (two-factor authentication) प्रोटेक्शन की एक एक्स्ट्रा लेयर जोड़कर आप अपने अकाउंट को ज्यादा सिक्योर रख सकेंगे.
बिना चेक किए मल्टीपल पेमेंट अटेम्प्ट की इजाजत देना (Allowing Multiple Payment Attempts Without Checking)
कभी-कभी, जब पेमेंट तुरंत प्रोसेस नहीं होता है, तो हम फिर से "pay again" पर क्लिक कर देते हैं. हालांकि ऐसा करने पर मल्टीपल पेमेंट अटेम्प्ट की वजह से डुप्लिकेट चार्ज (duplicate charges) लग सकता है या यहां तक कि फंड पेडिंग स्टेटस में भी अटका रह सकता है. जब कोई पेमेंट फेल हो जाता है, तो कुछ मिनट इंतजार करें और दोबारा ट्रांजैक्शन की कोशिश करने से पहले अपने ट्रांजैक्शन की हिस्ट्री जरूर चेक कर लें. अगर यह समस्या बनी रहती है तो बार-बार कोशिश करने के बजाय अपने बैंक या ऐप की कस्टमर सर्विस से कॉन्टेक्ट करें.
शेयर्ड डिवाइस पर सेंसिटिव इन्फॉर्मेशन सेव करना (Saving Sensitive Information On Shared Devices)
अपने डिवाइस पर लॉगिन डिटेल सेव करना आपको काफी सुविधाजनक लग सकता है, लेकिन अगर आप किसी शेयर्ड डिवाइस यानी जिसे और लोग भी इस्तेमाल करते हों या किसी पब्लिक डिवाइस का यूज कर रहे हैं तो ऐसा करना काफी खतरनाक साबित हो सकता है. ख्याल रखें कि आप हर ट्रांजैक्शन के बाद लॉग आउट करें और अगर दूसरे लोग भी उस डिवाइस का इस्तेमाल करते हों तो उस पर पासवर्ड या कोई दूसरा सेंसिटिव डेटा सेव करने से हमेशा बचें. सुरक्षित रहने का एक दूसरा तरीका है कि अगर आपको किसी शेयर्ड डिवाइस का यूज करना ही है, तो फिंगरप्रिंट (Fingerprint) या फेस रिकॉग्निशन (Face recognition) जैसी बायोमेट्रिक सिक्योरिटी फीचर (biometric security features) को उस पर इनेबल कर लें. कुछ पेमेंट ऐप्स ज्यादा सुरक्षा के लिए ये फीचर ऑफर करते हैं.
मंथली बिलों को रिव्यू न करना (Not Reviewing Monthly Bills)
अक्सर लोग इसे अनदेखा कर देते हैं लेकिन अपने मंथली बिलों को बारीकी से रिव्यू करना जरूरी है. ऐसा करके आप किसी भी अनावश्यक शुल्क या छूटे हुए क्रेडिट के बारे में जान सकते हैं. कई पेमेंट ऐप आपको पिछले बिलों को स्कैन करने और कम्पेयर करने की इजाजत देते हैं, जो यह पता करने के लिए एक हेल्पफुल फीचर है कि आप ज्यादा पे तो नहीं कर रहे हैं. किसी बिलिंग एरर को समय पर पकड़कर, आप अनावश्यक खर्चों से बच सकते हैं और अपने फाइनेंस पर बेहतर नजर रख सकते हैं.
पेमेंट के अलावा दूसरे ऐप फीचर एक्सप्लोर न करना (Not Exploring App Features Beyond Payments)
कई यूजर्स ऐप का इस्तेमाल सिर्फ पेमेंट करने के लिए ही करते हैं और ऐप द्वारा ऑफर किए जा रहे बजटिंग टूल (Budgeting tools), फाइनेंशियल इनसाइट (Financial insights) और ट्रांजैक्शन कैटिगराइजेशन (Transaction categorisation) जैसे वैल्युएबल फीचर्स पर ध्यान नहीं देते. ये फीचर्स आपके खर्च करने की आदतों पर रोशनी डालती हैं, जिससे आपको ज्यादा समझदारी से कोई फाइनेंशियल डिसीजन लेने में मदद मिल सकती है. अपने पेमेंट ऐप के सारी फीचर्स का पता लगाने के लिए थोड़ा समय निकालें और इसे बेहतर मनी मैनेजमेंट के लिए एक टूल के तौर पर यूज करें.
याद रखें इन सामान्य गलतियों को ध्यान में रखकर और अपने बिल पेमेंट ऐप को हैंडल करने के तरीके में कुछ एडजस्टमेंट करके, आप अपने ऑनलाइन पेमेंट एक्सपीरियंस को ज्यादा बेहतर और सुरक्षित बना सकते हैं.