देश में जहां हर रोज केंद्रीय कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (Dearness Allowance) का जहां बेसब्री से इंतजार हो रहा है और होली के दिन के करीब आते ही यह भावनाएं अपने चरम पर पहुंच रही हैं वहीं एक राज्य में कर्मचारियों को केंद्रीय कर्मचारियों के बराबर वेतन और भत्ता की मांग पर सीएम का भड़क जाना सभी को आश्चर्य में डाल देता है. सीएम ने केवल नाराजगी जाहिर करते हुए कर्मचारियों को फटकार ही नहीं लगाई बल्कि यह भी बता दिया कि राज्य सरकार इन कर्मचारियों को केंद्र से कैसे बेहतर सुविधा दे रही है. जहां तक केंद्रीय कर्मचारियों का सवाल है उनके लिए महंगाई भत्ता की घोषणा तो देर सबेर हो जाएगी लेकिन इस राज्य के कर्मचारियों की होली तो फीकी होना तय है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि अगर प्रदर्शनकारी उनका “सिर काट” लेते हैं तो भी सरकार उन्हें केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता (डीए) मुहैया नहीं करा पाएगी. बनर्जी का ये बयान राज्य सरकार के कर्मचारियों के एक बड़े वर्ग द्वारा केंद्र सरकार के बराबर महंगाई भत्ता बढ़ाने की अपनी मांग पर अड़े रहने के मद्देनजर आया है.
विधानसभा में विस्तारित बजट सत्र में बोलते हुए बनर्जी ने केंद्र और पश्चिम बंगाल सरकारों के वेतन ढांचे में अंतर का हवाला दिया तथा दावा किया कि राज्य में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पहले से ही अपने कर्मचारियों को 105 प्रतिशत डीए दे रही है.
उन्होंने कहा, “आप (आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारी) कितना चाहते हैं? आपको कितने से संतुष्टी मिलेगी? कृपया मेरा सिर काट दें और फिर उम्मीद है कि आप संतुष्ट होंगे ...यदि आप मुझे पसंद नहीं करते हैं, तो मेरा सिर काट दें. लेकिन आप मुझसे और नहीं पाओगे.”
ममता बनर्जी ने पूछा, “केंद्र सरकार और राज्य सरकार के वेतनमान अलग-अलग हैं. आज बीजेपी, कांग्रेस और सीपीआई (एम) एक साथ आ गए हैं. कौन सी सरकार वेतन के साथ इतनी छुट्टियां देती है?”
मैंने सरकारी कर्मचारियों को 1 लाख 79 हजार करोड़ का डीए दिया है. हमारे पास वेतन के साथ 40 दिन का अवकाश है. आप केंद्र सरकार से तुलना क्यों कर रहे हैं? हम मुफ्त चावल देते हैं लेकिन रसोई गैस की कीमत देखिए?
ममता बनर्जी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा वे चुनाव के एक दिन बाद कीमतें बढ़ाते हैं. इन लोगों को संतुष्ट होने के लिए और क्या चाहिए?”
संग्रामी जौथा मंच (संयुक्त संघर्ष मंच) सहित राज्य सरकार के कर्मचारियों के विभिन्न संगठन केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर डीए बढ़ाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं.
(इनपुट भाषा से)