पर्सनल लोन (Personal Loan) आजकल एक लोकप्रिय फाइनेंसिंग सॉल्यूशन बन गया है, जो आसानी से उपलब्ध है. कभी-कभी हमें ऐसे खर्चे होते हैं जैसे मेडिकल इमरजेंसी, घर की मरम्मत या फिर कर्ज चुकाने के लिए, तब एक दूसरा लोन लेना जरूरी हो जाता है. लेकिन क्या आप एक से अधिक पर्सनल लोन ले सकते हैं? इसका जवाब है, हाँ. आप एक से अधिक पर्सनल लोन ले सकते हैं, बशर्ते कि आप इसे समय पर चुकाते रहें. हालांकि, एक से अधिक लोन लेने के साथ कुछ चुनौतियां और रिस्क भी होते हैं. चलिए, इनका समझते हैं, साथ ही इसके फायदे भी.
एक से अधिक लोन के फायदे
अधिक फंड्स: एक दूसरा लोन होने का मतलब है कि आपके पास अतिरिक्त फंड्स होंगे, जो आपको जरूरी खर्चों को पूरा करने में मदद करेंगे. अगर आपका पहला लोन सभी खर्चों को कवर नहीं करता, तो दूसरा लोन आपके लिए मददगार साबित हो सकता है.
फंड के इस्तेमाल पर कोई रोक नहीं: लोन लेने पर आमतौर पर कोई रोक नहीं होती कि आप पैसे का क्या करें. आप इसे मेडिकल खर्च, शादी, पढ़ाई, घर के काम या फिर ऊंचे ब्याज वाले कर्ज चुकाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
एक से अधिक लोन के नुकसान
बढ़ता हुआ वित्तीय बोझ: एक से अधिक लोन लेने से आपकी EMI बढ़ जाती है, जिससे आपका बजट प्रभावित होता है. अगर आप सभी लोन समय पर चुकाने में असफल होते हैं, तो यह आपकी क्रेडिट स्कोर को भी नुकसान पहुंचा सकता है.
ब्याज की अधिक लागत: पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड लोन होते हैं और इन पर ब्याज दर भी उच्च होती है. अगर आपके पास दो लोन हैं, तो ब्याज की लागत काफी बढ़ जाती है, जिससे आप कर्ज के जाल में फंस सकते हैं.
ओवर-बॉर्रोइंग का खतरा: एक से अधिक लोन का लाभ यह है कि आप अपनी जरूरत के हिसाब से और अधिक पैसा ले सकते हैं, लेकिन इससे ओवर-बॉरोइंग का खतरा भी बढ़ जाता है. इससे आपकी अधिकतर आय लोन चुकाने में लग जाती है, और बचत करने का मौका कम हो जाता है.
लोन लेने से पहले ध्यान में रखने वाली बातें
क्रेडिट स्कोर पर प्रभाव: जब आप लोन के लिए आवेदन करते हैं, तो लेंडर आपके क्रेडिट स्कोर की जांच करता है. अगर आपकी कई बार चेकिंग होती है, तो यह आपको क्रेडिट हंगरी दिखा सकता है, जो लेंडर्स को नापसंद है. इसलिए, सुनिश्चित करें कि आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा हो, ताकि आपको लोन आसानी से मिल सके.
लेंडर की पॉलिसी: अलग-अलग लेंडर्स की पॉलिसी में अंतर हो सकता है. कुछ लेंडर्स एक से अधिक लोन लेने पर पाबंदियाँ लगा सकते हैं या फिर विशेष शर्तें लगा सकते हैं. इसलिए, अपने लेंडर की पॉलिसी के बारे में पहले से जानकारी लें.
लोन की पेमेंट कैपेसिटी: एक अतिरिक्त लोन लेने से पहले अपनी डेब्ट-टू-इनकम (DTI) रेश्यो की गणना करें. यदि यह 40 प्रतिशत से अधिक है, तो यह एक हाई डेब्ट बर्डन है, जिससे repayments में दिक्कत हो सकती है.
कुछ हालात ऐसे होते हैं जिनमें अतिरिक्त फंड्स की जरूरत होती है और एक दूसरा पर्सनल लोन एक अच्छा सॉल्यूशन हो सकता है. लेकिन, इससे पहले यह सुनिश्चित करें कि आप EMIs को आसानी से चुका सकते हैं. जब आपके पास दूसरा लोन हो, तो समय पर पेमेंट करना न भूलें और जब भी संभव हो, प्रीपेमेंट करने का प्रयास करें, ताकि आपका कर्ज जल्दी चुकता हो सके.