Budget 2025: करोड़ों EPFO कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, सरकार न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की कर सकती है घोषणा: रिपोर्ट

Minimum EPS Pension Hike: कर्मचारी संगठनों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने अपनी मांग रखी है कि EPFO से मिलने वाली पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रतिमाह की जाए.  

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Budget 2025 Expectations: मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार कथित तौर पर न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए EPFO के तहत आने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की अपील पर कार्रवाई करने पर विचार कर सकती है.
नई दिल्ली:

Budget 2025: अगले महीने 1 फरवरी को आम बजट पेश होने वाला है. इस बजट में EPFO (Employees' Provident Fund Organisation) के करोड़ों सब्सक्राइबर्स को अच्छी खबर मिल सकती है. दरअसल बजट से पहले अलग-अलग संगठन से जुड़े लोग सरकार के सामने अपनी-अपनी मांगें रखते हैं. कर्मचारी संगठनों ने भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman)  के सामने अपनी मांग रखी है कि EPFO से मिलने वाली पेंशन स्कीम के तहत न्यूनतम पेंशन (Minimum EPS pension) 1000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रतिमाह की जाए.  

सरकार न्यूनतम पेंशन में वृद्धि पर कर सकती है विचार

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार कथित तौर पर न्यूनतम पेंशन में वृद्धि के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (Employees' Provident Fund Organisation -EPFO) के तहत आने वाले निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की अपील पर कार्रवाई करने पर विचार कर सकती है. मौजूदा समय में उनकी न्यूनतम पेंशन 1,000 प्रति माह है.

साल 2014 से EPS-1995 के तहत न्यूनतम पेंशन (Minimum Pension) 1000 रुपये प्रतिमाह है. लंबे वक्त से न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर (Minimum Pension Hike) 7500 रुपये करने की मांग की जा रही है.

न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग 

रिपोर्ट के मुताबिक, EPS-95 पेंशन भोगियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपनी इन मांगों को लेकर 10 जनवरी, 2025 को बजट पूर्व परामर्श बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की थी. उन्होंने सरकार के सामने 7,500 रुपये की न्यूनतम मासिक पेंशन के साथ-साथ पेंशनभोगियों और उनके जीवनसाथी दोनों के लिए महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी और उन्हें मुफ्त चिकित्सा उपचार की सुविधा देने की मांग रखी.

रिपोर्ट की मानें तो, सीतारमण ने EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति को आश्वासन दिया कि उनकी मांगों की समीक्षा की जाएगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रेड यूनियनों ने भी सत्र के दौरान वित्त मंत्री से मुलाकात की, लेकिन उन्होंने पेंशन को कम करके 5,000 रुपये प्रतिमाह करने की वकालत की.ट्रेड यूनियनों की इस मांग की EPS-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति ने आलोचना की, उन्होंने कहा कि यह राशि पेंशनभोगियों की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है.

रिपोर्ट में पेंशन निकाय के हवाले से दावा किया गया है कि सरकार की 2014 में न्यूनतम मासिक पेंशन 1,000 रुपये निर्धारित करने की घोषणा के बावजूद, 36.60 लाख से ज्यादा पेंशनर्स को अभी भी इस राशि से कम मिलता है.

EPF कॉन्ट्रीब्यूशन

EPF मेंबर हर महीने अपनी बेसिक सैलरी का 12% प्रोविडेंट फंड में कंट्रीब्यूट करते हैं, और उतना ही योगदान कंपनियों की तरफ से किया जाता है.कंपनियों का कॉन्ट्रीब्यूशन दो भागों में बट जाता होता, जिसमें 8.33% एम्प्लॉई की पेंशन स्कीम (EPS) में जाता है, और 3.67% एम्प्लॉई के प्रोविडेंट फंड (Provident Fund) में जाता है.

करोड़ों EPFO सब्सक्राइबर्स को होगा फायदा

पेंशनभोगियों की मांगों की समीक्षा करने का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने जो आश्वासन दिया है, उसने लाखों रिटायर्ड लोगों के मन में एक नई आशा जगा दी है. अगर 7,500 रुपये की प्रस्तावित बढ़ोतरी लागू की जाती है, तो इससे करोड़ों EPFO सब्सक्राइबर्स को फायदा होगा. सरकार का यह कदम भारत के बुजुर्ग कार्यबल के लिए वित्तीय गरिमा सुनिश्चित करने में एक नया अध्याय शुरू कर सकता है.

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