5 लाख का फ्री इलाज, कहीं आपकी एक छोटी सी गलती न छीन ले 'आयुष्मान कार्ड' का हक

Ayushman Card Updates: आयुष्मान भारत योजना लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है. अगर आप सही डॉक्यूमेंट्स और सटीक जानकारी के साथ आवेदन करते हैं तो बीमारी के समय आपको पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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  • आयुष्मान भारत योजना के तहत सालाना पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज उपलब्ध कराया जाता है
  • आधार कार्ड की जानकारी और सरकारी डेटा में नाम, पिता का नाम, जन्मतिथि और जेंडर जैसी जानकारियों का मेल जरूरी है
  • मोबाइल एप के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनाना आसान है जिसमें राज्य, आधार नंबर के आधार पर आवेदन किया जाता है
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Ayushman Card Updates: बड़ी बीमारी और अस्पताल के लाखों के बिल का नाम सुनते ही अच्छे-अच्छों के पसीने छूट जाते हैं. खासकर गरीब और मिडिल क्लास परिवारों के लिए इलाज का खर्च उठाना किसी पहाड़ को तोड़ने जैसा है. इसी चिंता को दूर करने के लिए भारत सरकार की आयुष्मान भारत योजना किसी वरदान से कम नहीं है, जो सालाना 5 लाख तक का मुफ्त इलाज की सुविधा देता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि हजारों लोग इस सुविधा के लिए अप्लाई तो करते हैं, लेकिन एक छोटी सी गलती की वजह से उनका आयुष्मान कार्ड रिजेक्ट हो जाता है? इस खबर में जानते हैं वह कौन सी गलतियां हैं जिनसे आपको बचना चाहिए.

क्यों रिजेक्ट हो जाता है आयुष्मान कार्ड?

आयुष्मान कार्ड बनवाते समय ध्यान रखने वाली बात यह है कि आपकी जानकारी सरकारी डेटा से पूरी तरह मैच होनी चाहिए. अगर आपके पास आधार कार्ड है और उसमें दी गई जानकारी सोर्स डेटा से मेल नहीं खाती, तो आपकी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो सकती है.

इन 5 गलतियों को करने से बचें-

  • आधार कार्ड और रिकॉर्ड में नाम या पिता के नाम की स्पेलिंग में अंतर होने पर कार्ड रिजेक्ट हो सकता है.
  • तारीख, महीने या साल में जरा सी भी गड़बड़ी भारी पड़ सकती है.
  • जेंडर मैच न होने की कंडीशन में भी एप्लीकेशन रिजेक्ट हो जाती है.
  • आपके मौजूदा पते और रिकॉर्ड वाले पते में अंतर नहीं होना चाहिए.
  • एनएचए (NHA) डेटा और आधार डेटा का हर लेवल पर एक जैसा होना जरूरी है.

इन बीमारियों का होता है मुफ्त इलाज

आयुष्मान कार्ड सिर्फ एक कागज का टुकड़ा नहीं, बल्कि आपकी फाइनेंशियल सेफ्टी की ढाल है. इससे देश के हजारों सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कैंसर, किडनी की बीमारी, दिल के रोग, डेंगू, मलेरिया, डायलिसिस और मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज पूरी तरह मुफ्त होता है.

घर बैठे कैसे बनाएं आयुष्मान कार्ड?

अब आपको लंबी लाइनों में लगने या एजेंटों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है. आप डिजिटली आयुष्मान कार्ड आसानी से बना सकते हैं-

  • फोन में 'Ayushman App' इंस्टॉल करें.
  • लॉगिन पर जाकर 'Beneficiary' चुनें और मोबाइल नंबर व कैप्चा भरें.
  • स्कीम में 'PMJAY' चुनें, अपना राज्य और जिला सेलेक्ट करें.
  • आधार नंबर डालकर लॉगिन करें. यहां आपको परिवार के सदस्यों के कार्ड की स्थिति दिख जाएगी.

आयुष्मान भारत योजना लाखों परिवारों के लिए उम्मीद की किरण है. अगर आप सही डॉक्यूमेंट्स और सटीक जानकारी के साथ आवेदन करते हैं तो बीमारी के समय आपको पैसों की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

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