ATM से पैसा निकालते समय रहें अलर्ट, लोगों को इस तरह चूना लगा रहा ठगों का गिरोह

ATM Fraud Case In India: आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, साल 2021-22 में एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी की 65,893 घटनाएं हुईं, जिनसे 258.61 करोड़ रुपये का चूना लगा.

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ATM Fraud Case In India: देश के कई हिस्सों में एटीएम के आसपास ठगों का गिरोह सक्रिय है.
नई दिल्ली:

क्या आपने कभी इस स्थिति का सामना किया है कि जब आप किसी ऐसे एटीएम में डेबिट कार्ड डालते हैं जहां सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं तब आपका कार्ड मशीन में फंस जाता है? अगर आपका जवाब हां है तो आप अकेले नहीं हैं. ऐसे एटीएम के आसपास दुपहिया वाहन पर ठग घूम रहे हैं जहां सुरक्षाकर्मी तैनात नहीं हैं, ताकि वे डेबिड कार्ड यूजर से धोखाधड़ी कर सकें. जब तक आपको अपने साथ ठगी का पता चलता है तब तक आपसे हजारों से लेकर लाखों रुपये की धोखाधड़ी हो चुकी होती है. ऐसे ठग कार्ड को क्लोन करके या कार्ड बदलकर आपकी गाढ़ी कमाई पर डाका डाल रहे हैं.

जानें कैसे लोग हो रहे हैं ठगी का शिकार

देश के कई हिस्सों में ऐसे कई गिरोह सक्रिय हैं जो उन लोगों की मदद करने की आड़ में धोखाधड़ी करते हैं जो पैसा निकालने के लिए एटीएम में पिन डालते हैं, लेकिन पैसा निकालने के बाद कार्ड मशीन में फंस जाता है और एटीएम की स्क्रीन पर शेष राशि, फोन नंबर और अन्य जानकारियां आने लगती हैं. जैसे ही आपको लगेगा कि मशीन में कुछ गड़बड़ है तो दो या तीन लोग अंदर घुसेंगे और उनमें से एक आपसे बातचीत करने लगेगा जबकि दूसरा आपके कार्ड को दूसरे कार्ड से बदल देगा. इसके बाद वे चंपत हो जाएंगे और फिर कुछ देर बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर बैंक अकाउंट से पैसा निकलने का मैसेज आएगा. जब तक घबराया ग्राहक कार्ड बंद कराने के लिए बैंक से संपर्क करता है तब उसे पता चलता है कि खाते से कुछ और हजार रुपये निकल गए हैं.

वहीं, कार्ड बंद कराना भी अपने आप में थकाऊ प्रक्रिया है क्योंकि बैंकों के पास ऐसे मसलों से निपटने के लिए एक डेडिकेटेड लाइन या टीम नहीं है. जब तक कार्ड को ब्लॉक कराने की कवायद जारी रहती है तब तक और कई हजार रुपये खाते से निकाले जा चुके होते हैं. जिसके बाद हताश और परेशान कार्ड यूजर को यह याद आता है कि ‘‘आरबीआई कहता है...'' 

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साइबर क्राइम ब्रांच के पास मामलों की लंबी लिस्ट

यह इलेक्ट्रॉनिक, डिजीटल या प्रिंट माध्यम पर अक्सर देखे जाने वाला विज्ञापन है. आरबीआई की सलाह के बाद आप यह सोचकर अपनी शाखा से संपर्क करेंगे और साइबर अपराध शाखा में मामला दर्ज कराएंगे कि वे आपका पैसा वापस दिलाने में मदद करेंगे. हालांकि, बैंक वही घिसा-पिटा जवाब देता है कि आपके पिन से छेड़छाड़ की गई होगी इसलिए आपको पैसा वापस नहीं किया जा सकता. इसी तरह साइबर अपराध शाखा के पास आपके मामले के लिए वक्त नहीं होगा क्योंकि उनके पास ऐसे मामलों की लंबी सूची है.

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2021-22 में इस तरह की धोखाधड़ी के 65,893 घटनाएं 

भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) के आंकड़ों के अनुसार, 2021-22 में  एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित धोखाधड़ी की 65,893 घटनाएं हुईं, जिनसे 258.61 करोड़ रुपये का चूना लगा.

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ठगी का शुृिकार हुए लोगों ने कही ये बात

कुछ ग्राहक हैं जिनके साथ ऐसी घटनाएं हुई और उन्होंने अपने अनुभव साझा किए. दिल्ली में एक वरिष्ठ पत्रकार का ऐसे ही एक एटीएम पर कार्ड बदला गया. उन्होंने कार्ड बंद कराने के लिए हेल्पलाइन पर फोन किया, लेकिन बैंक के ग्राहक सेवा अधिकारी ने चोरी हुए डेबिट कार्ड को बंद करने में समय लिया. उन्होंने हेल्पलाइन पर फोन करने की जानकारियां दिखायीं, लेकिन न तो संबंधित बैंक और न ही आरबीआई ने इसे स्वीकार किया. उसी दिन पूर्वी दिल्ली में एक गृहिणी के साथ भी ऐसी ही घटना हुई.

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