ये हैं भारत के 7 सबसे लुभावने प्राचीन मंदिर, हजारों साल पुराना है इनका इतिहास, जानकर रह जाएंगे हैरान

हमारे देश में ऐसे कई मंदिर हैं जो हजारों सालों से भी जैसे के तैसे मौजूद हैं. ये मंदिर बेहतरीन शिल्प कला का उदाहरण हैं और हमारी संस्कृति को प्रदर्शित करते हैं.

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हजारों साल पुराना है भारत के इन मंदिरों का इतिहास

Ancient temples in india: भारत में कई भव्य मंदिर हैं, जो हजारों सालों से लोगों की आस्था का केंद्र रहे हैं. इन मंदिरों की भव्यता और दिव्यता की चर्चा पूरी दुनिया में होती है. ये मंदिर इतने खूबसूरत हैं कि इनकी नक्काशी की आज भी चर्चा होती है. इनमें से कई मंदिरों को यूनेस्‍को ने विश्‍व धरोहर के तौर पर शामिल किया है. यही कारण है कि इन मंदिरों को देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. इस लेख में जानें भारत के मशहूर और अति प्राचीन 7 मंदिरों के बारे में, जहां हर रोज लाखों लोग दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.

भारत के 7 प्राचीन मंदिर  7 Ancient Temples In India
भारत के ये अति प्राचीन मंदिर देश के हर कोने में स्थित हैं. यूं तो हमारे देश में ऐसे सैंकड़ों मंदिर हैं जो हजारों साल पुराने हैं, पर इनमें से खास 7 मंदिरों के बारे में जाने-

बृहदेश्वर मंदिर, तमिलनाडु
बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के तंजौर में है. यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है. बृहदेश्वर मंदिर को 1002 ईस्वी में बनवाया था चोल शासक राजाराज चोल प्रथम ने. इस मंदिर की खास बात है इसकी द्रविड़ शैली. इस शैली से बनाया गया यह बेहद खूबसूरत मंदिर है. यह मंदिर जब बना था तब यह इतना विशाल था कि दूर-दूर से इसे देखा जा सकता था. इसके शीर्ष की ऊंचाई 66 मीटर है.

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दिलवाड़ा मंदिर, राजस्थान
दिलवाड़ा मंदिर राजस्थान के सिरोही में है. दिलवाड़ा मंदिर की खास बात यह है कि ये पांच मंदिरों का समूह है. दिलवाड़ा मंदिर का निर्माण 11वीं से 13वीं शताब्दी के बीच कराया गया था. यह मंदिर जैन धर्म को समर्पित है. मंदिर में कुल 48 स्तम्भ हैं. इन स्तंभों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां हैं.

कैलाश मंदिर, महाराष्ट्र
कैलाश मंदिर महाराष्ट्र के औरंगाबाद में है. यह दो मंजिला मंदिर है. इसकी खास बात ये है कि इस मंदिर को एक पत्थर को काटकर बनाया गया है. कैलाश मंदिर प्रसिद्ध एलोरा की गुफाओं में है. जानकारी के अनुसार यह मंदिर करीब 12 हजार साल पुराना है. कैलाश मंदिर का निर्माण राष्ट्रकूट वंश के शासकों द्वारा करवाया गया था और इसे बनवाने में 150 साल का समय लगा था.

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Photo Credit: Photo: iStock

कोणार्क सूर्य मंदिर
कोणार्क सूर्य मंदिर ओडिशा के कोणार्क में है. इस मंदिर का निर्माण नरसिम्हा देव ने 13वीं सदी में करवाया था. जैसा कि नाम से पता चलता है यह मंदिर सूर्य भगवान को समर्पित है. इसमें कई जगह सोने के पत्थरों का प्रयोग किया गया था. यह मंदिर अनूठी आकृति और संरचना के लिए प्रसिद्ध है. यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल है.

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ब्रह्मा मंदिर, राजस्थान
ब्रह्मा मंदिर राजस्थान में है. ब्रह्मा मंदिर का निर्माण 14 वीं शताब्दी में कराया गया था. मंदिर बहुत भव्य है और इसका शिखर लाल रंग का है. इस मंदिर के शिखर पर एक पक्षी की आकृति है. वहीं मंदिर के बिल्कुल बीच में ब्रह्मा और उनकी दूसरी पत्नी गायत्री की मूर्तियां स्थापित हैं.

तुंगनाथ मंदिर, उत्तराखंड
तुंगनाथ मंदिर उत्तराखंड में है. यह मंदिर अत्यंत प्राचीन माना जाता है. यह मंदिर पंच केदार का हिस्सा है. अन्य केदार मंदिर यानी मध्यमेश्वर, केदारनाथ, रुद्रनाथ, कल्पेश्वर में से यह मंदिर सबसे अधिक ऊंचाई पर स्थित है‌‌. यह भी कहा जाता है कि इस मंदिर में भगवान राम ने रावण वध के बाद तपस्या की थी. यह मंदिर विशाल नहीं है लेकिन इसका महत्व बहुत अधिक है. इस मंदिर का आकार ऐसा है कि इसमें एक बार केवल 10 लोग ही प्रवेश कर सकते हैं.

श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर
श्री रंगनाथ स्वामी मंदिर तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. मंदिर बहुत विशाल है और देश के अत्यंत प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है. इस मंदिर का निर्माण छठी से नौवीं शताब्दी के बीच करवाया गया था. मंदिर की भव्यता का अंदाजा इसी बात से लगता है कि मंदिर करीब 156 एकड़ में फैला है. कई बार इसे दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर भी कहा गया है.

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