रामायण का जादू आज भी लोगों के सिर चढ़कर बोलता है और शायद यही वजह है कि जब-जब इसे टीवी पर टेलीकास्ट किया जाता है, लोग इसे देखने के लिए पागल हो जाते हैं. आपको बता दें कि रामायण की शूटिंग 37 साल पहले हुई थी और तब टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस नहीं थी. उस वक्त VFX का जमाना भी नहीं था. ऐसे में आज हम आपको रामायण में कुंभकरण के वध की दिलचस्प कहानी बताने जा रहे हैं. कैसे हुआ था ये पूरा सीन शूट, चलिए जानते हैं.
उस जमाने में जब कुंभकरण के वध का सीन दिखाया गया तो दर्शक रो पड़े थे. मशहूर गुजराती एक्टर नलिन दवे ने कुंभकरण का किरदार निभाया था. सुनील लहरी ने एक बार बताया था कि किस तरह कुंभकरण के वध वाले सीन को शूट किया गया था. उन्होंने कहा था, "रामजी और कुंभकर्ण का युद्ध होता है. जब रामजी तीर चलाते हैं तो कुंभकर्ण के शरीर का एक-एक अंग कटकर गिर जाता है. हाथ जैसे अलग गिरते हैं. धड़ अलग गिरता है. गर्दन अलग गिरती है. ये सारे इफेक्ट क्रोमा पर किए गए थे".
सुनील लहरी ने आगे बताया था, "क्रोमा उस समय इतनी खूबसूरत चीज थी कि मैं बता नहीं सकता आपको. उदाहरण के लिए, अगर आप मेरे शरीर पर बीच-बीच में ब्लू कलर की या फिर ग्रीन कलर की पट्टी लगा दें, तो मेरा शरीर भी आपको हिस्सों में कटा हुआ दिखेगा. तो उस समय इस तरह का इफेक्ट क्रिएट किया गया था". कुंभकरण के शरीर के अलग-अलग हिस्से को दिखाने के लिए रक पूरा मोल्ड तैयार किया गया था, जो कुंभकरण से मिलता जुलता था. प्लास्टर ऑफ पेरिस से उसके हाथ बनाए गए थे. जब हाथों के कटने का सीन दिखाया गया तो प्लास्टर ऑफ पेरिस से बने हाथ नीचे गिरते हुए दिखाए गए थे.
सुनील लहरी के मुताबिक, इस पूरे सीन में सिर कटने वाला सीन सबसे दिलचस्प था. जब सिर कटने के बाद पानी में गिरता है तो पानी स्प्लैश होता है. इस शॉट के लिए पानी के टैंक के अन्दर क्रोमा इफेक्ट दिया गया था. और क्रोमा के इफेक्ट में मोल्ड वाले सिर को मुकुट पहनकर पानी में फेंका गया था.
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