
'बंदिनी', 'कुलदीपक' और 'सिद्धि विनायक' जैसे कई शो में अभिनय करने वाले शार्दुल कुणाल पंडित (Shardool Kunal Pandit) आर्थिक तंगी के कारण मुंबई और एक्टिंग को अलविदा कहकर अपने घर इंदौर वापस लौट आए हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि वे ऐसा कुछ नहीं करना चाहते थे, लेकिन आर्थिक तंगी और सारी बचत के खत्म हो जाने के कारण उन्हें मुंबई छोड़कर अपने घर वापस लौटना पड़ा. इसके अलावा शार्दुल पंडित ने इंस्टाग्राम पर पोस्ट भी शेयर की, जिसमें उन्होंने बताया कि डिप्रेशन के सबसे कठिन दौर से गुजर चुके हैं. इसके साथ ही एक्टर ने अपनी पोस्ट में लोगों से काम मांगने की गुहार भी लगाई.
शार्दुल पंडित (Shardool Kunal Pandit) ने इंटरव्यू में अपने करियर के बारे में बात करते हुए कहा, "मुझे लॉकडाउन से पहले एक वेब-सीरीज ऑफर की गई थी, लेकिन मुझे कुछ पता नहीं था कि वहां हो क्या रहा है. मैं पहले से ही आर्थिक तंगी से गुजर रहा था और मेरी बचत भी इन तीन महीनों के दौरान खत्म हो गई. मैं जाना नहीं चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई दूसरा विकल्प नहीं था. चाहे मैं काम कर रहा हूं या नहीं, मुझे किराया देना पड़ता था और दूसरे खर्च भी उठाने पड़ते थे. अगर मुझे कल ही कोई प्रोजेक्ट मिल जाए तो भी उद्योग के नियमानुसार इसका भुगतान तीन महीने बाद से शुरू होता है. यह टीवी आर्टिस्ट के लिए प्रतीक्षा अवधि है, हालांकि आपके खर्चे खत्म नहीं होते."
शार्दुल पंडित (Shardool Kunal Pandit) ने अपने इंटरव्यू में आगे बताया, "2012 में मैंने यूएई में एक जॉब के लिए एक्टिंग छोड़ दी थी. लेकिन मैं कुछ समय बाद वापस आया और मुझे कुलदीपक सीरियल मिला. मैंने बॉक्स क्रिकेट लीग भी होस्ट किया. हालांकि, शो कुछ दिनों बाद बंद हो गया और मेरा भुगतान फंस गया. मैं कुछ प्रोजेक्ट्स के लिए बातचीत कर रहा था, जो कि अमल में नहीं आए." अपने डिप्रेशन के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "मैं रिजेक्शन और असफलता के बाद डिप्रेशन में चला गया. मैंने नवंबर में एक चिकित्सक से बातचीत की और अपने आपको करण पटेल, अंकिता भार्गव जैसे दोस्तों के बीच रखा, जो मेरे साथ खड़े रहे. हालांकि, मैं इसके बाद भी बाहर नहीं निकल पाया. मैं अभी भी मदद मांग रहा हूं और मुझे लगता है कि अपने माता पिता के साथ रहकर मैं डिप्रेशन से अच्छे से लड़ पाउंगा."
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