New Delhi:
भारत के मध्यक्रम के बल्लेबाज युवराज सिंह ने खुलासा किया है कि पिछले साल जब उन्हें टेस्ट और वनडे टीम से बाहर किया गया तो वह अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने के बारे में सोच रहे थे। युवराज ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि उनके 10 साल के करियर का यह सबसे कड़ा दौर था तथा उनके माता-पिता ने इससे बाहर निकलने में उनकी मदद की। उन्होंने कहा, यह मेरे लिए मुश्किल दौर था। यह पिछले 10 साल में मेरे लिए सबसे कड़ा दौर था। ऐसा भी समय आया, जब मैंने खुद से पूछा कि क्या मुझे खेलना जारी रखना चाहिए। मैं गंभीरता से सोचने लग गया था कि क्या मैं आगे खेलना चाहता हूं या नहीं। मेरे दिमाग में कई नकारात्मक विचार आ रहे थे। युवराज ने कहा, जब भी मैं मैदान पर उतरता, चोटिल हो जाता। यह समय मेरे लिए वास्तव में खराब था। मैं अपने कुछ अच्छे मित्रों तथा माता-पिता की मदद से ही इस दौर से निकल पाया। मैंने खुद को प्रेरित किया और कड़ी मेहनत की। बायें हाथ के इस बल्लेबाज को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अक्टूबर में हुई टेस्ट सीरीज की टीम से बाहर कर दिया गया था। इसके अलावा उन्हें जून में श्रीलंका के खिलाफ एशिया कप की टीम में भी नहीं चुना गया था। युवराज ने कहा कि वह विश्वकप के लिए फॉर्म में वापसी के प्रति आश्वस्त हैं। उन्होंने कहा, पिछले सालों की तुलना में मेरी फार्म इस समय अच्छी है। पिछला साल इसलिए कड़ा रहा, क्योंकि मैं चोटिल था। मैं विश्वकप के लिए तैयार हूं। उन्होंने कहा, मैं विश्वकप के लिए कुछ भी कर सकता हैं और सचिन तेंदुलकर के लिए इसे जीतना चाहता हूं। भारत के लिए यह सपना सच होने जैसा रहेगा।
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