महिला के यौन उत्पीड़न के आरोपी अभिनेता-निर्माता विजय बाबू ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (MMA) की कार्यकारी समिति से इस्तीफा दे दिया है. एसोसिएशन को अपमान से बचाने के लिए यौन उत्पीड़न मामले में निर्दोष साबित होने तक अभिनेता संगठन की कार्यकारी समिति से दूर रहेंगे. विजय बाबू ने एक पत्र भेजकर कहा है कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों के बीच उस संगठन को बदनाम नहीं करना चाहते, जिसके वह कार्यकारी समिति के सदस्य हैं. वे तब तक कार्यकारी समिति से दूर रहेंगे जब तक वे बेगुनाह साबित नहीं हो जाते. उनके पत्र (अनुरोध) पर एएमएमए द्वारा चर्चा के बाद इसे मंजूरी दे दी गई है.
इस बीच, बीते शुक्रवार को केरल उच्च न्यायालय ने यौन उत्पीड़न मामले में विजय बाबू की अग्रिम जमानत याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था. अग्रिम जमानत याचिका में विजय बाबू ने कहा था कि जिस महिला ने उनके खिलाफ शिकायत की है, वह उन्हें ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रही है. गौरतलब है कि बीते 22 अप्रैल को विजय बाबू पर एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कंप्लेंट रजिस्टर हुई थी. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि विजय बाबू ने कोच्चि के एक फ्लैट में उसका शोषण किया है और यह एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है.
कौन हैं विजय बाबू?
बता दें, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में विजय बाबू का बड़ा नाम है. वे वहां की कई हिट फिल्मों में काम कर चुके हैं. फिल्म एक्टर होने के साथ वे एक निर्माता भी हैं. वे अपना खुद का 'फ्राइडे फिल्म हाउस' (Friday Film House) नाम का एक प्रोडक्शन हाउस भी चलाते हैं. विजय बाबू ने 'फिलिप्स एंड द मंकी पेन' (Philips and The Monkey Pen) के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म (निर्माता के रूप में) के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार भी जीता है. वहीं एक्टर पर यौन उत्पीड़न का मामला लगने से मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में हंगामा मच गया है.
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