तेलंगाना की कांग्रेस सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए बुधवार को 3,04,965 करोड़ रुपये का बजट पेश किया. राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मल्लू भट्टी विक्रमार्क ने विधानसभा में इसे प्रस्तुत करते हुए बताया कि इसमें 2,26,982 करोड़ रुपये राजस्व व्यय और 36,504 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय के लिए निर्धारित हैं. उन्होंने कहा, “मैं कुल 3,04,965 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित कर रहा हूं, जिसमें कल्याणकारी योजनाओं को खास तवज्जो दी गई है.”
किसानों और कृषि पर बड़ा निवेश
राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र के लिए 24,439 करोड़ रुपये का आवंटन प्रस्तावित किया है. इसमें रायथु भरोसा योजना शामिल है, जो किसानों को प्रति वर्ष 12,000 रुपये प्रति एकड़ निवेश सहायता और उत्तम किस्म के धान के लिए 500 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त प्रोत्साहन देती है. यह कदम किसानों की आय बढ़ाने और खेती को मजबूत करने की दिशा में उठाया गया है.
शिक्षा, ग्रामीण विकास और समाज कल्याण को तवज्जों
बजट में पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास के लिए 31,605 करोड़ रुपये और शिक्षा विभाग के लिए 23,108 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. इसके अलावा, अनुसूचित जाति कल्याण के लिए 40,232 करोड़ रुपये और अनुसूचित जनजाति कल्याण के लिए 17,169 करोड़ रुपये का प्रावधान है. विक्रमार्क ने कहा, “धर्मनिरपेक्ष मूल्यों से प्रेरित यह बजट समाज के हर वर्ग को बराबरी का हक देने के लिए तैयार किया गया है. ”
अर्थव्यवस्था को 1000 अरब डॉलर बनाने का सपना
वित्त मंत्री ने राज्य की अर्थव्यवस्था को अगले दशक में मौजूदा 200 अरब अमेरिकी डॉलर से पांच गुना बढ़ाकर 1000 अरब डॉलर तक ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना का जिक्र किया. इसके लिए बजट में सिंचाई विभाग को 23,373 करोड़ रुपये और गृह विभाग को 10,188 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जो बुनियादी ढांचे और सुरक्षा को मजबूत करेंगे.
समानता और समृद्धि का रोडमैप
विक्रमार्क ने जोर देकर कहा कि यह बजट असमानताओं को दूर करने और संसाधनों के बराबर वितरण पर केंद्रित है. सिंचाई और ग्रामीण विकास से लेकर शिक्षा और कल्याण तक, हर क्षेत्र में संतुलित निवेश का लक्ष्य रखा गया है. यह बजट न सिर्फ तात्कालिक जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि तेलंगाना को भविष्य की बड़ी आर्थिक ताकत बनाने की नींव भी रखेगा.