विशालकाय और अथाह गहराई वाले समुद्र का सीना चीरते जहात बड़े खूबसूरत लगते हैं. लेकिन इन जहाजों में जब आग लगती है तो इस पर सवार लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाती है. अरब सागर में उस वक्त कल भयावह नजारा दिखा. जब केरल तट से करीब 70-130 नॉटिकल मील दूर सिंगापुर का कंटेनर जहाज MV Wan Hai 503 अचानक आग की लपटों में घिर गया. कोलंबो से मुंबई जा रहे इस जहाज में विस्फोट हुआ और देखते ही देखते उसमें आग फैल गई. पूरा का पूरा जहाज आग के गोले में तब्दील हो गया. जहाज पर सवार क्रू के कई लोगों को बचा लिया गया.
कार्गो जहाज झुका, आग बुझाने की कोशिश जारी
जहाज पर आग लगी कितनी भयंकर है इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि अब तक कार्गो शिप की आग बुझाने की मशक्कत जारी है. इंडियन कोस्ट गार्ड (ICG) ने बताया कि मंगलवार, 10 जून 2025 को, जहाज के बीच के हिस्से से लेकर एकोमडेशन ब्लॉक के सामने वाले कंटेनर बे तक आग और विस्फोट जारी हैं. हालांकि, जहाज के आगे वाले बे में लगी आग पर अब काबू पा लिया गया है, लेकिन घना धुआं अभी भी बरकरार है. जहाज 10-15 डिग्री बाईं ओर (पोर्ट साइड) झुका हुआ है, और कई कंटेनर समुद्र में गिर चुके हैं. सोशल मीडिया पर जो वीडियो आया है, उसमें भारतीय जहाज कार्गो जहाज की आग को बुझाते देखे जा सकते हैं.
जहाज 'वान हाई 503' के 18 क्रू मेंबर्स को बचाया
इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड ने सोमवार को सिंगापुर के फ्लैग वाले कार्गो जहाज 'वान हाई 503' के 18 क्रू मेंबर्स को बचाया. अधिकारियों ने इसकी जानकारी देते हुए बताया था कि केरल तट से करीब 70 नॉटिकल माइल्स दूर कार्गो जहाज में आग लग गई थी. जहाज में आग लगने की घटना केरल के बेपोर-अझिकाल तट से दूर अरब सागर में हुई. कंटेनर जहाज के 18 क्रू मेंबर्स अपनी जान बचाने के लिए समुद्र में कूद गए, जिन्हें सुरक्षित बचाया गया. जब कार्गो जहाज की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं जिसमें जहाज के ऊपरी डेक पर आग धधकती हुई देखी जा सकती है.
समुद्र में तैरते जहाजों में आग लगने की सामान्य वजहें-
- खतरनाक कार्गो (Hazardous Cargo): कंटेनर जहाज अक्सर ज्वलनशील, विस्फोटक, या रासायनिक पदार्थ जैसे पेट्रोल, रसायन, और गैस ले जाते हैं. रिसाव, या अन्य कोई भी वजह आग का कारण बन सकता है.
- MV Wan Hai 503 में क्यों लगी आग: इसमें भी 157 कंटेनरों में खतरनाक सामग्री होने की बात सामने आई है. उदाहरण के लिए, कैल्शियम कार्बाइड जैसे रसायन पानी के संपर्क में आने पर ज्वलनशील गैस छोड़ते हैं, जिससे विस्फोट हो सकता है.
- इंजन रूम में खराबी: जहाज के इंजन रूम में ईंधन रिसाव, ओवरहीटिंग, या बिजली के शॉर्ट सर्किट से भी आग लग सकती है. अक्टूबर 2024 में सिंगापुर जलक्षेत्र में माल्टा-झंडे वाले टैंकर Med Atlantic में इंजन रूम में आग लगने की घटना इसी का नतीजा है.
- मानवीय त्रुटियां: क्रू दल द्वारा गलत हैंडलिंग, रखरखाव में लापरवाही, या सुरक्षा नियमों का पालन न करना आग का कारण बन सकता है. वेल्डिंग या अन्य गर्म काम के दौरान चिंगारी से आग भड़क सकती है.
- इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम: जहाजों में जटिल इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम होती है. जिससे खराब वायरिंग, शॉर्ट सर्किट, या उपकरणों की खराबी से आग लगने का खतरा रहता है.
- कंटेनरों का अनुचित स्टैकिंग: कंटेनरों को गलत तरीके से रखने या असुरक्षित तरीके से लोड करने से घर्षण या रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे आग भड़क सकती है.
कोझिकोड और कोच्चि के अस्पतालों में हाई अलर्ट
कोस्ट गार्ड के अलर्ट करने के साथ ही कोझिकोड और कोच्चि के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर कर दिया गया था, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके. नौ जून सुबह करीब 10 बजकर 30 मिनट पर एमओसी (कोच्चि) को एमओसी (मुंबई) से कंटेनर जहाज के डेक पर विस्फोट की जानकारी मिली थीं. यह जहाज 7 जून को कोलंबो से मुंबई के लिए रवाना हुआ था, जिसकी लंबाई 270 मीटर और गहराई 12.5 मीटर थी. कोच्चि और मंगलुरु से डोर्नियर एयरक्राफ्ट और कोस्ट गार्ड और इंडियन नेवी के जहाज घटनास्थल पर पहुंच गए थे. बेपोर बंदरगाह के अधिकारी कैप्टन के. अरुण कुमार ने बताया था कि कुछ कंटेनर्स में ज्वलनशील तरल पदार्थ और ठोस पदार्थ और टॉक्सिक पदार्थ भी थे.
जब मई में डूबते जहाज से नेवी ने लोगों को बचाया
इससे पहले मई के महीने में ही केरल तट पर लाइबेरियाई कार्गो जहाज के डूबने से समुद्र में क्रू मेंबर डूबने से तब बाल-बाल बचे जब इंडियन नेवी ने वक्त रहते उन्हें सुरक्षित रेस्क्यू कर लिया. तब नेवी और कोस्ट गार्ड ने 24 लोगों को बचाया था. इससे जनहानि का खतरा टल गया है, लेकिन कंटेनर समुद्र में गिरने से चिंता बढ़ गई है. लाइब्रेरिया का यह कार्गो जहाज कोच्चि के तट से 38 समुद्री मील दूर झुकना शुरू हो गया था. रक्षा मंत्रालय के अनुसार 25 मई की सुबह सात बजकर 50 मिनट पर एमएससी ईएलएसए 3 तेजी से झुका और पलटकर डूब गया था. कार्गो जहाज पर रखे 640 कंटेनरों में से 13 में रासायनिक रूप से संवेदनशील सामग्री थी, जबकि 12 कंटेनर कैल्शियम कार्बाइड से भरे थे इसके अलावा जहाज़ में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन ‘फर्नेस ऑयल' लदा हुआ था.