रेटिंगः 3.5
डायरेक्टरः डेनिस विलेन्यूव
कलाकारः हैरिसन फोर्ड, रयान गसलिंग, रॉबिन राइट, जेर्ड लीटो और डेव बतिस्ता
हॉलीवुड का समय पिछले कुछ समय से अच्छा नहीं चल रहा था. उसके कई सीक्वल और रीमेक बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे और क्रिटिक्स तथा ऑडियंस के गले भी नहीं उतर पा रहे थे. जिसकी मिसाल रही थी टॉम क्रूज और रसल क्रो जैसे बड़े सितारों की फिल्म ‘द ममी’, ‘बेन हर’ और द एलिस लुकिंग थ्रू द ग्लास. लेकिन इस हफ्ते रिलीज हुई ‘ब्लेड रनर 2049’ ने हॉलीवुड को राहत दी है. फिल्म 1982 में रिलीज हुई ‘ब्लेड रनर’ की सीक्वल है, और फिल्म किसी भी मायने में पुरानी फिल्म से अच्छी तो नहीं लेकिन कमजोर भी नहीं है. फिल्म में टेक्नोलॉजी के साथ ही स्टोरी टेलिंग भी अच्छी है.
साइंस फिक्शन ‘ब्लेड रनर 2049’ की कहानी साल 2049 की है. इंसानों को बायोइंजीनियरिंग के माध्यम से नए ढंग से बनाया गया है और इसी तरह का ऑफिसर है के (रयान गॉसलिंग). जिसका काम पुराने और बेकार हो चुके बायोइंजीनियर्ड रेप्लीकेंट्स को ठिकाने लगाना है. इसी मिशन का अहम हिस्सा है हैरीसन फोर्ड. 30 साल पहले गायब हो चुके हैरीसन के साथ ही कई रहस्यों के बारे में पता चलता है, और के जिस मिशन के लिए वह काम कर रहा होता है उससे जुड़े कई रहस्य और चौंकाने वाली बातें उसके सामने आती हैं.
हॉलीवुड की यह खासियत रही है कि वह ऐसी दुनिया रचता है जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता है लेकिन यह दुनिया हमें हकीकत जैसी लगती है. ‘ब्लेड रनर 2049’ भी ऐसी है. फिल्म टेक्नोलॉजी के साथ डायरेक्टर ने कहानी का जो पुट शामिल किया है वह फिल्म को बांधे रखता है और दर्शक के हर सवाल का जवाब हर मिस्ट्री के साथ खुलता जाता है. अगर किसी ने रिडली स्कॉट की 1982 की ‘ब्लेड रनर’ नहीं भी देखी है तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि फिल्म अपने आप में कमप्लीट है. भारत में हॉलीवुड की अवतार, मिशन इम्पॉसिबल और फास्ट ऐंड फ्यूरियस जैसी फिल्मों का ही जादू चलता रहा है. लेकिन एक अच्छी फिल्म की नजर से ‘ब्लेड रनर-2049’ मस्ट वॉच है और साइंस फिक्शन के दीवानों की भूख को पूरा करने के लिए परफेक्ट फॉर्मूला भी है.
VIDEO: आशा भोसले ने मैडम तुसाद म्यूजियम में अपनी मोम की प्रतिमा का अनावरण किया
...और भी हैं बॉलीवुड से जुड़ी ढेरों ख़बरें...
डायरेक्टरः डेनिस विलेन्यूव
कलाकारः हैरिसन फोर्ड, रयान गसलिंग, रॉबिन राइट, जेर्ड लीटो और डेव बतिस्ता
हॉलीवुड का समय पिछले कुछ समय से अच्छा नहीं चल रहा था. उसके कई सीक्वल और रीमेक बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे और क्रिटिक्स तथा ऑडियंस के गले भी नहीं उतर पा रहे थे. जिसकी मिसाल रही थी टॉम क्रूज और रसल क्रो जैसे बड़े सितारों की फिल्म ‘द ममी’, ‘बेन हर’ और द एलिस लुकिंग थ्रू द ग्लास. लेकिन इस हफ्ते रिलीज हुई ‘ब्लेड रनर 2049’ ने हॉलीवुड को राहत दी है. फिल्म 1982 में रिलीज हुई ‘ब्लेड रनर’ की सीक्वल है, और फिल्म किसी भी मायने में पुरानी फिल्म से अच्छी तो नहीं लेकिन कमजोर भी नहीं है. फिल्म में टेक्नोलॉजी के साथ ही स्टोरी टेलिंग भी अच्छी है.
साइंस फिक्शन ‘ब्लेड रनर 2049’ की कहानी साल 2049 की है. इंसानों को बायोइंजीनियरिंग के माध्यम से नए ढंग से बनाया गया है और इसी तरह का ऑफिसर है के (रयान गॉसलिंग). जिसका काम पुराने और बेकार हो चुके बायोइंजीनियर्ड रेप्लीकेंट्स को ठिकाने लगाना है. इसी मिशन का अहम हिस्सा है हैरीसन फोर्ड. 30 साल पहले गायब हो चुके हैरीसन के साथ ही कई रहस्यों के बारे में पता चलता है, और के जिस मिशन के लिए वह काम कर रहा होता है उससे जुड़े कई रहस्य और चौंकाने वाली बातें उसके सामने आती हैं.
हॉलीवुड की यह खासियत रही है कि वह ऐसी दुनिया रचता है जिसका कोई अस्तित्व नहीं होता है लेकिन यह दुनिया हमें हकीकत जैसी लगती है. ‘ब्लेड रनर 2049’ भी ऐसी है. फिल्म टेक्नोलॉजी के साथ डायरेक्टर ने कहानी का जो पुट शामिल किया है वह फिल्म को बांधे रखता है और दर्शक के हर सवाल का जवाब हर मिस्ट्री के साथ खुलता जाता है. अगर किसी ने रिडली स्कॉट की 1982 की ‘ब्लेड रनर’ नहीं भी देखी है तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि फिल्म अपने आप में कमप्लीट है. भारत में हॉलीवुड की अवतार, मिशन इम्पॉसिबल और फास्ट ऐंड फ्यूरियस जैसी फिल्मों का ही जादू चलता रहा है. लेकिन एक अच्छी फिल्म की नजर से ‘ब्लेड रनर-2049’ मस्ट वॉच है और साइंस फिक्शन के दीवानों की भूख को पूरा करने के लिए परफेक्ट फॉर्मूला भी है.
VIDEO: आशा भोसले ने मैडम तुसाद म्यूजियम में अपनी मोम की प्रतिमा का अनावरण किया
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