राजस्थान के बूंदी में दो अलग-अलग मामलों में कोर्ट ने अहम फैसले सुनाए हैं. पहले मामले में पॉक्सो कोर्ट ने नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में 20 साल की सजा सुनाई है. जबकि बूंदी एडीजे कोर्ट ने पत्नी की बेरहमी से हत्या करने के मामले में हत्यारे पति को उम्र कैद की सजा सुनाई है.
बता दें कि पॉक्सो कोर्ट ने 2 साल पहले बूंदी के केशवरायपाटन हुई घटना में फैसला सुनाया है. इस मामले में पीड़िता के पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसने अपने बेटे और बेटी को ई-मित्र पर रुपए निकलवाने के लिए भेजा था. इस दौरान यूपी निवासी यूनुस इस्लाम आया और उन्हें अगवा कर ले गया. इस मामले में केशवरायपाटन थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की.
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी की शिनाख्त की और नाबालिग को दस्तयाब कर आरोपी को पकड़ा और पॉक्सो एक्ट में मामला दर्ज किया. पुलिस ने बताया कि आरोपी पीड़िता का पड़ोसी था और उसके साथ किराए के मकान में रेप की वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस ने बूंदी कोर्ट में चालान पेश किया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने आरोपी को नााबालिग से रेप का दोषी मानते हुए 20 साल की कठोर कारावास की सजा और 70 हजार रुपए का जुर्माना लगया है. अभियोजन पक्ष की ओर से पैरवी करते हुए विशिष्ठ लोक अभियोजक राकेश ठाकोर ने 18 गवाह और 22 दस्तावेज पेश किए.
पत्नी के हत्यारे पति को उम्रकैद की सजा
बूंदी एडीजे कोर्ट के जज अचला आर्य ने 2 वर्ष पुराने हत्या के मामले में फैसला सुनाते हुए आरोपी हीरा लाल भील को आजीवन कारावास व 10 हजार अर्थदंड से दंडित किया. जानकारी अनुसार 18 मई 2021 को थाना डाबी में मृतका के भाई प्रकाश ने रिपोर्ट देकर बताया था कि उसकी बहन की शादी नमाना निवासी हीरालाल से 20-25 वर्ष पूर्व हुई थी.
हीरालाल डाबी थाना क्षेत्र में एक स्टॉक पर चौकीदारी का काम करता था. वहीं पत्नी व तीन बच्चों साथ रहता था. 17 मई को हीरालाल घर पर आया तो पत्नी बच्चे टीवी देख रहे थे. हीरालाल ने पत्नी को दूसरे कमरे में बुलाया और शराब पीने लगा, पत्नी ने शराब पीने के लिए मना किया तो हीरालाल ने ईट की उठाकर पत्नी के सिर पर मार दी जिससे उसकी पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई.
घटना के बाद हीरालाल मौके से फरार हो गया. रिपोर्टकर्ता प्रकाश सुबह बहन के घर आया तो उसने देखा कि उसकी बहन एक कमरे में मृत पड़ी है और बच्चे रो रहे थे. ऐसे में उसने थाने में जाकर रिपोर्ट दी. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में चालान पेश किया.
अपर लोक अभियोजक कैलाश चंद मीणा ने अदालत में 18 गवाह व 41 दस्तावेज पेश कर आरोपी हीरालाल को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की. अपर लोक अभियोजक के तर्कों से सहमत होकर न्यायालय ने आरोपी हीरालाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 10 हजार जुर्माना भी लगाया.