- राजस्थान के झालावाड़ जिले के पिपलोदी गांव में स्कूल की इमारत गिरने से बड़ा हादसा हुआ है.
- गिरती इमारत में करीब पैंतालीस बच्चे मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है.
- इस हादसे में चार बच्चों की मौत की पुष्टि हुई है और बचाव कार्य जारी है. 8 बच्चों को सुरक्षित निकाल लिया गया.
राजस्थान के झालावाड़ में बड़ा हादसा हुआ है. यहां एक स्कूल की इमारत गिर गई है. जब ये इमारत गिरी, तब काफी बच्चे स्कूल में हर रोज की तरह पढ़ाई कर रहे थे. बच्चों को सोचने-समझने का मौका ही नहीं मिला और इमारत गिर गई. इमारत गिरी, तो वहां हर तरफ चीख-पुकार मच गई. ऐसे में बच्चों को बचाने के लिए ग्रामीण लोग ही दौड़ पड़े. राहत और बचाव की टीम आने से पहले ग्रामीणों ने कई बच्चों को मलबे से निकाला. मलबे में दबे बच्चों को बचाने के लिए दौड़ पड़े ग्रामीणों के वीडियो भी सामने आ रहे हैं.
झालावाड़ जिले के मनोहरथाना इलाके के पिपलोदी गांव में एक स्कूल की बिल्डिंग गिरने से हादसा हुआ है, जिसमें 7 बच्चों के मारे जाने की जानकारी मिल रही है, जबकि 40 से 45 बच्चे मलबे में अभी तक दबे होने की आशंका जताई जा रही है. प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंच गया है, बच्चों को जेसीबी के माध्यम से मालवा हटाकर निकाला जा रहा है. इसके बाद मनोहर थाना अस्पताल और झालावाड़ के लिए रेफर किया गया है.
कठिन घड़ी... PM मोदी जताया दुख
राजस्थान में झालावाड़ के सरकारी स्कूल की छत गिरने की घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा, 'राजस्थान के झालावाड़ स्थित एक स्कूल में हुई दुर्घटना दुखद और अत्यंत दुःखद है. इस कठिन घड़ी में मेरी संवेदनाएं प्रभावित छात्रों और उनके परिवारों के साथ हैं. मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. अधिकारी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं.
झालावाड़ में हुए हादसे के कई वीडियो सामने आए हैं. इनमें से एक वीडियो में कई ग्रामीण मलबे को हटाते हुए नजर आ रहे हैं. महिलाएं चीख रही हैं, रो रही हैं... कुछ लोग ईंटों को तेजी से हटा रहे हैं. इन कोशिश है कि वे बच्चों को जल्द से जल्द बाहर निकाल लें. इन ग्रामीणें के बच्चे भी शायद इसी मलबे के नीचे दबे होंगे. ये ग्रामीण वीडियो में टूटती सांसों को बचाने की जद्दोजहद करते नजर आ रहे हैं.
राजस्थान के झालावाड़ में जिस स्कूल की इमारत गिरी है, वो प्राइमरी स्कूल है. कई नन्हे बच्चे अभी तक इस मलबे में दबे हुए हैं, इन्हें निकालने के लिए प्रशासन भी पूरी ताकत झौंक रहा है. जेसीबी से मलबे को तेजी से हटाया जा रहा है. झालावाड़ जिला मुख्यालय से ये स्कूल लगभग 100 किलोमीटर दूर बताया जा रहा है. स्कूल की इमारत काफी जर्जर बताई जा रही थी. पिछले कुछ दिनों से झालावाड़ में बारिश हो रही है. ये भी इस इमारत के गिरने की एक वजह हो सकती है.
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