चित्तौड़गढ़: एमपी-राजस्थान का मोस्ट वांटेड तस्कर कमल राणा की गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस कड़ी से कड़ी जोड़कर जांच कर रही है. गैंग से जुड़े बदमाशों के मोबाइल डाटा रिकवर करने पर कुछ पुलिसकर्मियों के नाम भी सामने आए हैं, जो तस्कर कमल राणा से संपर्क में रहते थे. तस्कर कमल राणा मादक पदार्थों की तस्करी का सरगना था. तस्कर राणा की गिरफ्तारी जून माह में क्राइम ब्रांच जयपुर ने महाराष्ट्र के शिरडी से की.
इस मामले में प्रतापगढ़ एसपी अमित कुमार बुढ़ानिया ने एनडीटीवी से खास बातचीत में बताया कि कमल राणा के सम्पर्क में रहने वाले प्रतापगढ़ जिले के दो पुलिकर्मी को सस्पेंड किया गया है. इस मामले में एमपी के 6 पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संलिप्त मिली है, जिसमें एक एएसआई और 5 कांस्टेबल हैं, जिनकी रिपोर्ट नीमच एसपी को भेजी गई है.
प्रतापगढ़ एसपी अमित बुढ़ानिया ने बताया कि तस्कर कमल राणा गैंग से जुड़े 23 लोगों के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया गया है. पुलिस ने सोमवार को प्रतापगढ़ में इस गैंग को सहयोग करने के आरोप में चार लोगों को गिरफ्तार किया. जिन 4 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, उनके पास ड्रग्स तो नहीं मिले, लेकिन उन पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है.
तस्कर कमल राणा पर 35 से ज्यादा मामले दर्ज हैं. चित्तौड़गढ़ जिले के मंगलवाड़ थाना में भी तस्कर कमल राणा के खिलाफ मामला दर्ज है. तस्कर राणा मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में लम्बे समय से वांछित चल रहा था. इसकी गिरफ्तारी के लिए चित्तौड़गढ़ जिला पुलिस अधीक्षक ने 5 हज़ार का इनाम घोषित किया था. इस इनाम राशि को पुलिस मुख्यालय ने बढ़ाकर 50 हज़ार कर दिया था.
प्रतापगढ़ जिला पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक सौ पुलिसकर्मियों ने तीन महीने तक गहन जांच की. तस्कर कमल राणा को पकड़ने के लिए पुलिस पांच दिन तक भिखारी बन कर घूमी और महाराष्ट्र के शिरडी से कुख्यात तस्कर को धर दबोचा.