- राजस्थान के कोटा में दशहरा मैदान में इस बार 233 फीट ऊंचा रावण पुतला बनाया गया
- रावण के दहन के लिए सेंसर ने काम नहीं किया, जिस वजह से पुतले को जलाने के लिए मशक्कत करनी पड़ी
- नगर निगम की अग्निशमन टीम ने मेनुअल तरीके से हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से रावण जलाया
राजस्थान का कोटा शहर, जो कोचिंग हब के तौर पर देशभर में मशहूर है. वहां के दशहरे की बात ही निराली होती है. अबकी बार यहां रावण दहन के लिए विशालकाय पुतला बनाया गया था. कोटा के दशहरा मैदान में इस बार रावण सिर्फ प्रतीक नहीं बना, बल्कि तकनीक के लिए भी परेशानी का सबब बन गया. दरअसल 233 फीट ऊंचे इस विशालकाय रावण ने जैसे विजयादशमी के दिन अपनी ‘अकड़' दिखाने की ठान रखी थी. सेंसर से नियंत्रित दहन प्रणाली ने जब काम करना बंद किया, तो हजारों दर्शकों के सामने रावण सीना ताने खड़ा रहा, जैसे ये पुतला कह रहा हो कि "मुझे जलाना इतना आसान नहीं!, लेकिन आखिर में बड़ी कोशिशों के बाद रावण को जलाया गया.
सेंसर फेल, रावण को जलाने की मशक्कत
दशहरा मेले में शनिवार शाम को रावण, कुंभकरण और मेघनाद के पुतलों का दहन होना था. रावण के पुतले को खास तरह सजाया गया था. लेकिन जब सेंसर सिस्टम फेल हुआ, तो नगर निगम की अग्निशमन टीम को मेनुअल तरीके से मोर्चा संभालना पड़ा. हाइड्रोलिक क्रेन की मदद से रावण के पुतले के बाकी हिस्सों को जलाने की कोशिश की गई. इस दौरान हजारों लोग दशहरा मैदान में रावण दहन का इंतजार करते रहे. तकनीकी खामी ने आयोजन समिति को मुश्किल में डाल दिया, लेकिन टीम ने हार नहीं मानी और रावण को जलाया लेकिन फिर भी रावण पूरी तरह नहीं जला
कोटा का विशाल रावण का पुतला क्यों खास
कोटा के 132वें राष्ट्रीय मेला दशहरा में आज दहन किए रावण का 233 फीट का पुतला तैयार किया गया है. यह दुनिया भर में अब तक बने रावण के पुतलों में सबसे ऊंचा है. मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के सुझावों के अनुसार कोटा दशहरा मेला को भव्य और आकर्षक बनाने के लिए कईं नवाचार किए गए हैं. मेले में परंपरा और आधुनिकता का संगम करते हुए विभिन्न इवेंट भी शामिल किए गए हैं. मेला दशहरा में अब तक 72 से 75 फीट के रावण के पुतले बनते आए हैं. इस कीर्तिमान का रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराने की प्रक्रिया पूरी की गई है.













