- छात्रा अमायरा 01 नवंबर को स्कूल की चौथी मंजिल से कूद गई थी.
- नीरजा मोदी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक मान्यता रद्द हुई है.
- स्कूल में बच्चों की सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन पाया गया.
जयपुर में छात्रा अमायरा की मौत मामले में सीबीएसई ने एक्शन लेते हुए तुरंत प्रभाव से नीरजा मोदी स्कूल की मान्यता रद्द कर दी है. बोर्ड ने इस मामले को सिस्टम की विफलता, लापरवाही और जवाबदेही की कमी वाला बताया और कहा कि इस दुखद घटना को पूरी तरह से रोका जा सकता था. जांच में बच्चों की सुरक्षा के नियमों और मान्यता के उप-नियमों का गंभीर उल्लंघन पाए जाने पर सीबीएसई ने नीरजा मोदी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक मान्यता रद्द की है.
'बच्चों की सुरक्षा नियमों का घोर उल्लंघन'
CBSE ने मंगलवार को जारी अपने आदेश में कहा कि इस घटना ने बच्चों के जरूरी सुरक्षा नियमों का घोर और जानबूझकर उल्लंघन को उजागर किया है. CBSE के आदेश के अनुसार, दो सदस्यीय जांच समिति ने अचानक निरीक्षण किया और CCTV फुटेज की जांच की. जांच के दौरान कर्मचारियों और माता-पिता से बातचीत की गई. फिर इसके बाद स्कूल के रिकॉर्ड की समीक्षा हुई है.
जांच में सामने आईं कई गंभीर कमियां
- ऊपरी मंजिलों पर खुले इलाकों में कोई सेफ्टी ग्रिल या स्टील नेट नहीं.
- छात्रों की गतिविधियों पर प्रभावी CCTV निगरानी नहीं और फुटेज को सुरक्षित रखने में विफलता.
- गलियारों और सीढ़ियों की निगरानी के लिए कोई सतर्क या समर्पित कर्मचारी नहीं.
- एक कार्यात्मक काउंसलिंग तंत्र का अभाव.
- एंटी-बुलिंग सिस्टम का अभाव.
- माता-पिता द्वारा बुलिंग के बारे में बार-बार की गई, इसके बावजूद शिकायतों को नज़रअंदाज़ किया गया.
- शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों के पास पहचान पत्र नहीं पाए गए.
- फ्लोर-लेवल पर कोई सुपरविजन नहीं, बच्चे का चौथी मंजिल पर जाना किसी की नज़र में नहीं आया.
स्कूल में पढ़ रहे बच्चे क्या करेंगे?
सीबीएसई के आदेश के अनुसार, जयपुर के नीरजा मोदी स्कूल की सीनियर सेकेंडरी स्तर तक मान्यता तत्काल प्रभाव से रद्द कर की गई है. अब ऐसे में सवाल है कि नीरजा मोदी स्कूल में पढ़ रहे अन्य बच्चों क्या होगा? स्कूल की मान्यता रद्द होने पर बच्चे व अभिभावक क्या करेंगे. लेकिन इन तमाम सवालों के जवाब भी बोर्ड ने स्पष्ट कर दिया है.
- कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों को 2025-26 सत्र के लिए उसी स्कूल से परीक्षा देने की अनुमति दी गई है.
- वहीं कक्षा 9वीं और 11वीं के छात्रों को 31 मार्च 2026 तक निकटवर्ती सीबीएसई संबद्ध स्कूलों में स्थानांतरित करना अनिवार्य होगा.
- कक्षा 9वीं और 11वीं में किसी भी प्रकार का नया प्रवेश या प्रोन्नति की अनुमति नहीं होगी.
- कक्षा 1 से 8 तक पढ़ने वाले छात्रों के भविष्य को लेकर फैसला राजस्थान राज्य शिक्षा विभाग द्वारा किया जाएगा.
सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूल एक शैक्षणिक वर्ष के बाद 2027-28 सत्र से माध्यमिक स्तर तक मान्यता बहाली के लिए आवेदन कर सकता है, जो पूर्ण अनुपालन के अधीन होगा. वहीं सीनियर सेकेंडरी स्तर की संबद्धता के लिए स्कूल को दो अतिरिक्त शैक्षणिक वर्षों के बाद ही आवेदन करने की अनुमति दी जाएगी.
बोर्ड ने कहा कि जहां पर छात्रा अमायरा गिरी थी, वहां पर खून के धब्बे को तुरंत साफ कर दिया गया था. जो पूरी तरह से फोरेंसिक सबूतों के साथ छेड़छाड़ के बराबर था. ऐसे में घटना के कुछ ही मिनटों में महत्वपूर्ण सबूतों को हटाना कानूनी और प्रक्रियात्मक दायित्वों का गंभीर उल्लंघन दर्शाता है. सीबीएसई ने नीरजा मोदी स्कूल के उस तर्क को भी खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि उसने बिल्डिंग सुरक्षा मानदंडों, आग सुरक्षा नियमों का पालन किया था और अनिवार्य समितियों का गठन किया था.
यह भी पढे़ं-
जयपुर स्कूल सुसाइड केस: उस दिन स्कूल क्यों नहीं आना चाहती थी अमायरा?
जयपुर के नामी स्कूल से कूदने वाली अमायरा ने रोते हुए कहा था- प्लीज मुझे मत भेजो, मां ने सुनाया ऑडियो
| हेल्पलाइन | |
|---|---|
| वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्थ | 9999666555 या help@vandrevalafoundation.com |
| TISS iCall | 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक) |
| (अगर आपको सहारे की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के पास जाएं) | |














