Rajasthan news: भूत बनकर घूम रही 'जिंदा बहू', ससुराल का ये कांड आपको हिला देगा

Bharatpur Crime News: सरकारी तंत्र की एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. जहां एक जीवित महिला को उसके ही परिवार वालों ने 'मृत' घोषित कर जन आधार कार्ड से उसका नाम हटवा दिया. ललितेश कुशवाहा की रिपोर्ट

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
भरतपुर:

सरकारी तंत्र की एक चौंकाने वाली लापरवाही सामने आई है. जहां एक जीवित महिला को उसके ही परिवार वालों ने 'मृत' घोषित कर जन आधार कार्ड से उसका नाम हटवा दिया. यह मामला भरतपुर जिले के उच्चैन कस्बे का है, जहां दुर्गेश कुमारी नामक महिला को उसके पति और ससुराल वालों की साजिश का शिकार होना पड़ा. दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज कराने के बाद, उसे मृत बताकर उसका नाम जन आधार कार्ड से हटा दिया गया. जिससे वह अब सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित है.

क्या है पूरा मामला?

दुर्गेश कुमारी की शादी 2020 में हाड़ौली गांव के संदीप शर्मा से हुई थी. शादी के बाद से ही उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया जा रहा था. इस प्रताड़ना से तंग आकर उसने 1 अप्रैल 2024 को अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ उच्चैन पुलिस थाने में दहेज का मामला दर्ज कराया. मामला फिलहाल कोर्ट में विचाराधीन है.

महिला का आरोप है कि इस केस का बदला लेने के लिए उसके पति और परिवार के सदस्यों ने उसे 'मृत' बताकर जन आधार कार्ड से उसका नाम हटवा दिया. दुर्गेश को इस धोखाधड़ी का पता तब चला, जब वह तीन महीने पहले किसी सरकारी योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन करने गई.

जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

जब दुर्गेश कुमारी ने मामले की जांच की, तो पता चला कि 31 दिसंबर 2023 को ई-मित्र के माध्यम से उसके नाम को जन आधार कार्ड से हटाने के लिए एक आवेदन किया गया था. इस आवेदन में नाम हटाने का कारण "मृत्यु" बताया गया था. चौंकाने वाली बात यह है कि इस आवेदन के साथ मृत्यु प्रमाण पत्र के बजाय, दुर्गेश द्वारा दर्ज कराई गई दहेज प्रताड़ना की एफआईआर की कॉपी लगाई गई थी.

नगर पालिका उच्चैन के तत्कालीन अधिकारी ने इस दस्तावेज के आधार पर 1 जनवरी और 12 जनवरी को दुर्गेश कुमारी का नाम जन आधार कार्ड से हटा दिया. यह साफ तौर पर सरकारी नियमों और प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन है, क्योंकि किसी भी जीवित व्यक्ति को बिना मृत्यु प्रमाण पत्र के मृत घोषित नहीं किया जा सकता.

पुलिस और प्रशासन की उदासीनता

दुर्गेश कुमारी ने 9 जून 2025 को इस धोखाधड़ी के संबंध में उच्चैन पुलिस थाने में एक और शिकायत दर्ज कराई, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है. महिला का आरोप है कि पुलिस सिर्फ जांच के नाम पर खानापूर्ति कर रही है. उसने जिला पुलिस अधीक्षक दिगंत आनंद से भी मुलाकात की, लेकिन वहां भी सिर्फ आश्वासन मिला.

Advertisement

इस मामले में नगर पालिका प्रशासन भी चुप्पी साधे हुए है. जब रिपोर्टर ने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी पवन गुप्ता से बात करने की कोशिश की, तो उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग का हवाला देकर फोन काट दिया. इसी तरह, उच्चैन पुलिस थाने के एएसआई फतेह सिंह से भी संपर्क नहीं हो सका.

परेशानियों का अंबार

जन आधार कार्ड से नाम हटने के कारण दुर्गेश कुमारी को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वह किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं ले पा रही है. अपनी पहचान साबित करने के लिए दर-दर भटकने को मजबूर है. यह मामला न केवल सरकारी सिस्टम की खामियों को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे निजी दुश्मनी का खामियाजा आम नागरिक को भुगतना पड़ता है.

ललितेश कुशवाहा की रिपोर्ट

Advertisement

Featured Video Of The Day
Macron की Trump को खुली चुनौती! Gaza War रोको, Nobel Prize ले जाओ! | World News