'ताजमहल' को क्यों तोड़ा जा रहा है...सुप्रीम कोर्ट को क्यों है इस पर ऐतराज?

आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 'ताजमहल' को ढहाना शुरू कर दिया है. लेकिन ये ताजमहल आगरा में नहीं, बल्कि अजमेर की आनासागर झील के किनारे स्थित है.

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आखिरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 'ताजमहल' को ढहाना शुरू कर दिया है. लेकिन ये ताजमहल आगरा में नहीं, बल्कि अजमेर की आनासागर झील के किनारे स्थित है. आनासागर झील किनारे स्थित सेवन वंडर पार्क को प्रशासन ने ढहाना शुरू कर दिया है. 12 करोड़ रुपये की लागत से बने इस पार्क को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) और सुप्रीम कोर्ट ने अवैध घोषित कर दिया था, क्योंकि इसे आनासागर झील की जमीन पर नियमों का उल्लंघन कर बनाया गया था. प्रशासन और नगर निगम की टीमों ने कड़ी सुरक्षा के बीच इस पार्क को ध्वस्त करने का काम शुरू किया. कार्रवाई के दौरान एफिल टॉवर को क्रेन से पूरी तरह हटा दिया गया, जबकि कारीगरों ने हथौड़े और इलेक्ट्रिक कटर से ताजमहल की प्रतिकृति को तोड़ना शुरू किया. इसके अलावा, झूलती मीनार ( पीसा की मीनार) को सुरक्षित रूप से हिस्सों में काटकर हटाया जा रहा है. 



पर्यटन पर असर और स्थानीय लोगों की चिंता
यह पार्क कभी अजमेर के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक था, जहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग घूमने आते थे. इस पार्क के हटने से स्थानीय व्यापारियों और निवासियों की रोजी-रोटी पर संकट खड़ा हो गया है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि यह कार्रवाई अदालत के आदेशों और पर्यावरण नियमों का पालन करने के लिए की जा रही है, ताकि झील की मूल स्थिति को बहाल किया जा सके.


क्या था पार्क में?
इस पार्क में दुनिया के सात अजूबों की प्रतिकृतियां बनाई गई थीं, जिनमें से कई को पूरी तरह से हटा दिया गया है: पिरामिड ऑफ गीज़ा (मिस्र), क्राइस्ट द रिडीमर (ब्राज़ील), कोलोसियम (रोम), स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी (अमेरिका) अब केवल ताजमहल और पीसा की मीनार ही बचे हैं, जिन्हें हटाने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है. प्रशासन के अनुसार, यह कार्रवाई यह संदेश देती है कि भविष्य में पर्यावरणीय नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.



पवन अटारिया की रिपोर्ट

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