पंजाब के तरनतारन के एक पुलिस थाने पर आरपीजी हमले के तीन दिन बाद, पंजाब पुलिस ने सोमवार को कहा कि उसने चार संदिग्धों को हिरासत में लिया है, जिन्होंने इसे अंजाम देने में साजो-सामान संबंधी सहायता प्रदान की थी. पुलिस ने कहा कि हमले को अंजाम देने वाले दो संदिग्धों को पकड़ा जाना अभी बाकी है. तरन तारन के सरहाली पुलिस थाने पर शुक्रवार रात 'रॉकेट प्रोपेल्ड ग्रेनेड' (RPG) से हमला किया गया था. यह बीते सात महीनों में इस तरह का दूसरा हमला था.
पुलिस महानिरीक्षक (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने यहां मीडिया को बताया कि आरपीजी हमले में साजोसामान संबंधी सहायता, मोटरसाइकिल आदि प्रदान करने वाले चार संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है. उन्होंने कहा, “दो व्यक्तियों जिन्होंने इस कृत्य को अंजाम दिया उनकी पहचान की प्रक्रिया जारी है.”
पुलिस महानिरीक्षक ने कहा, “मैं फिलहाल किसी नाम का खुलासा नहीं कर सकता. संदिग्धों की पहचान, धरपकड़ और आगे की जानकारी जुटाने की प्रक्रिया जारी है.”
गिल ने कहा कि एक या दो दिनों में पुलिस नामों सहित अन्य तथ्यों का खुलासा करेगी कि इसके पीछे कौन थे और इसे कैसे अंजाम दिया गया. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (आंतरिक सुरक्षा) आर.एन. ढोके की निगरानी में जांच की जा रही है, जबकि एडीजीपी (काउंटर इंटेलिजेंस) अमित प्रसाद अमृतसर में डेरा डाले हुए हैं. प्रथम दृष्टया पुलिस को इस घटना के सभी सुराग मिले हैं. उन्होंने कहा कि अपराध का पर्दाफाश हो गया है और आगे की जांच चल रही है.
पुलिस ने बताया कि शुक्रवार की रात को कुछ अज्ञात लोगों की ओर से दागा गया यह आरपीजी अमृतसर-बठिंडा राजमार्ग पर स्थित सरहाली थाने से सटे सांझ केंद्र से जा टकराया. पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने मौके का मुआयना किया और कहा कि यह सैन्य ग्रेड हार्डवेयर (हथियार) है, जिसके बारे में संदेह है कि इसे सीमा पार से तस्करी करके लाया गया होगा.
प्रदेश पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि यह पड़ोसी देश की भारत को लहूलुहान करने की रणनीति है.'' मामले में गैर कानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है. गौरतलब है कि इससे पहले मई में मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर आरपीजी दागा गया था.