पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने गुरुवार को सीमा सुरक्षा बल (BSF) मामले में आरोपों को लेकर राज्य की नई कैबिनेट के मंत्री परगट सिंह (Pargat Singh)पर निशाना साधा. उन्होंने परगट के आरोपों को हास्यास्पद और सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कवायद करार दिया. परगट को पंजाब के प्रमुख कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू का करीबी माना जाता है. पंजाब के सीएम पद से पिछले माह इस्तीफा देने वाले अमरिंदर ने इस मौके पर सिद्धू को भी आड़े हाथ लिया.केंद्र ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के अधिकारियों को पंजाब, पश्चिम बंगाल और असम में अंतरराष्ट्रीय सीमा (भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश ) से 50 किलोमीटर के दायरे में तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने की शक्ति दे दी है. यानी कि अब मजिस्ट्रेट के आदेश और वॉरंट के बिना भी बीएसएफ इस अधिकार क्षेत्र के अंदर गिरफ्तारी और तलाशी अभियान जारी रख सकता है.
गृह मंत्रालय का दावा है कि सीमा पार से हाल ही में ड्रोन से हथियार गिराए जाने की घटनाओं को देखते हुए बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में विस्तार करने का कदम उठाया गया है. न्यूज एजेंसी ANI के अनुसार, इस मुद्दे पर कमेंट करते हुए परगट ने कहा था, 'मेरा हमेशा से मानना रहा है कि कैप्टन केवल बीजेपी के साथ हैं. इससे पहले वे धान खरीदी में देर के लिए दिल्ली गए थे और अब यह....यदि आप पंजाब में बीएसएफ की तैनाती कर रहे तो यह राष्ट्रपति शासन लगाने की आपकी मंशा को दर्शाता है. '
परगट सिंह के यह आरोप अमरिंदर की ओर से बीएसएफफ संबंधी केंद्र सरकार के कदम का स्वागत करने के बाद सामने आए थे. कैप्टन ने कहा था कि बीएसएफ की बढ़ती उपस्थिति पंजाब को मजबूत बनाएगी और केंद्रीय सशस्त्र बलों को राजनीति में नहीं घसीटा जाना चाहिए. गृह मंत्रालय का दावा है कि यह फैसला 10 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए लिया गया है. वैसे, केंद्र के इस कदम के बाद राज्य की स्वायत्तता पर बहस शुरू हो गई है. पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने केंद्र के इस कदम का विरोध किया है.
पंजाब के मुख्यमंत्री चन्नी ने ट्वीट कर कहा था, "मैं अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगे 50 किलोमीटर के दायरे में बीएसएफ को अतिरिक्त अधिकार देने के सरकार के एकतरफा फैसले की कड़ी निंदा करता हूं, जो संघवाद पर सीधा हमला है. मैं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से इस तर्कहीन फैसले को तुरंत वापस लेने का आग्रह करता हूं."