- सीएम भगवंत सिंह मान बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं
- पंजाब सरकार ने सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर 24 घंटे राहत कार्यों को प्राथमिकता दी है
- CM ने अपने हेलीकॉप्टर को राहत कार्यों में लगाया, जिससे प्रभावित इलाकों से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार कठिन आपदा में एकजुट होकर जनता के लिए राहत और पुनर्वास के अभियान में लग चुकी है. बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में मुख्यमंत्री खुद जमीनी हालात का जायजा ले रहे हैं, जबकि पूरी कैबिनेट और प्रशासनिक अमला चौबीसों घंटे मोर्चा संभाले हुए है. ये सिर्फ एक आपातकालीन प्रतिक्रिया नहीं बल्कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील सरकार का जीवंत उदाहरण है, जो संकट की घड़ी में हर पंजाबी के साथ खड़ी है.
'हर व्यक्ति की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए'
मुख्यमंत्री मान ने गुरदासपुर और पठानकोट के बाढ़ग्रस्त गांवों में पहुंचकर न सिर्फ पीड़ितों से मुलाकात की, बल्कि हर परिवार को भरोसा दिलाया कि पंजाब सरकार उन्हें हर हाल में राहत पहुंचाएगी. उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और हर व्यक्ति की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए.
सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द की
मान सरकार ने बाढ़ राहत कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं. राज्य प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह 24x7 जमीनी स्तर पर निगरानी बनाए रखे और हर प्रभावित गांव में राहत पहुंचे. पूरी कैबिनेट को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि वे फील्ड में रहकर हालात पर नजर रखें और सीधा जनता से संवाद बनाए रखें.
सीएम ने अपने निजी हेलीकॉप्टर को भी राहत कार्यों में लगाया
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने निजी हेलीकॉप्टर को भी राहत कार्यों के लिए समर्पित कर दिया. यह हेलीकॉप्टर गुरदासपुर और पठानकोट जैसे क्षेत्रों में फंसे लोगों को तेजी से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में इस्तेमाल हो रहा है. इससे स्पष्ट है कि यह सरकार केवल आदेश नहीं देती, बल्कि खुद मोर्चे पर डटी रहती है.
जल संसाधन मंत्री बरिंदर कुमार गोयल, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री लाल चंद कटारूचक ने भी प्रभावित गांवों का दौरा कर प्रशासन के साथ मिलकर राहत सामग्री बांटी और स्थानीय व्यवस्थाओं की समीक्षा की. सरकार का हर मंत्री, हर जिला प्रशासन, हर आपदा राहत इकाई, चाहे वह सेना हो, बीएसएफ, एनडीआरएफ या एसडीआरएफ सभी एक ही लक्ष्य के लिए समर्पित हैं, हर पंजाबी को सुरक्षित रखना.
फंसे परिवार को निकालने के लिए विशेष अभियान चला
रणजीत सागर डैम से छोड़े गए 1,10,000 क्यूसेक पानी के कारण रावी नदी का जलस्तर बढ़ा है, जिससे कई गांव में पानी पहुंच चुका हैं. लेकिन राहत कार्यों की तत्परता के चलते गुरदासपुर के गांव जग्गोचक टांडा से 70 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला गया और पठानकोट के गांव तास में फंसे परिवार को निकालने के लिए विशेष अभियान चलाया गया.
सरकार ने राहत शिविरों और लंगर की व्यवस्था की
सरकार ने राहत शिविरों और लंगर की व्यवस्था भी पुख्ता की है. नरोट जैमल सिंह और तारागढ़ के स्कूलों में लंगर सेवा शुरू की गई है, जबकि कीड़ी खुर्द, कथलौर, ठूठोवाल, बमियाल, बनी लोधी, और फिरोजपुर कलां सहित कई गांवों में राहत केंद्र संचालित हो रहे हैं. गुरदासपुर के मराड़ा, बाहमणी, गाहलड़ी और गुरुद्वारा श्री टाहली साहिब को राहत शिविरों में बदला गया है, जहां दवाइयों, भोजन और ठहरने की पूरी व्यवस्था की गई है.
'हर संसाधन सिर्फ जनता की सेवा में समर्पित'
मुख्यमंत्री मान पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि किसानों और प्रभावित परिवारों को विशेष गिरदावरी के बाद पूरा मुआवजा दिया जाएगा. सरकार का रुख स्पष्ट है, संकट कितना भी बड़ा क्यों न हो, पंजाब सरकार और उसका हर कर्मचारी, हर मंत्री, हर संसाधन सिर्फ जनता की सेवा में समर्पित रहेगा.
अफवाहों पर ध्यान न दें, सीएम ने की अपील
मुख्यमंत्री ने लोगों से अपील की कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और नदियों-नालों के किनारों से दूर रहें. उन्होंने यह भी कहा कि यह समय राजनीति का नहीं, सेवा का है और मान सरकार ने इस सेवा धर्म को पूरी ताकत और प्रतिबद्धता के साथ निभाया है.
आज जब पूरा देश यह देख रहा है कि कैसे एक राज्य सरकार आपदा की घड़ी में भी लोगों की रक्षा में संलग्न है, तब पंजाब की भगवंत मान सरकार एक उदाहरण बनकर उभर रही है.